Aadhar Card से हो सकेगी पशुधन की पहचान
बन्नी भैंस दिन में नहीं बल्कि रात को जाती है चरने : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (12 September 2022) को इंडियन एक्सपो मार्ट में विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं।
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भारत में दूध उत्पादन की रफ्तार 6 फीसदी
सोमवार को ग्रेटर नोएडा स्थित एक्सपोमार्ट में आयोजित वर्ल्ड डेयरी समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में दूध उत्पादन 2% की रफ्तार से बढ़ रहा है। जबकि देश में इसकी रफ्तार 6% से भी अधिक है। देश में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता पूरी दुनिया के औसत से कहीं ज्यादा है। पीएम ने बताया बीते 3-4 वर्षों में ही भारत के छोटे किसानों के बैंक खातों में सरकार ने करीब 2 लाख करोड़ रुपये सीधे भेजे हैं। इसका बहुत बड़ा हिस्सा डेयरी सेक्टर से जुड़े किसानों के खातों में भी गया है।
भारत के डयेरी सेक्टर में 70% महिलाएं
ग्रेटरनोएडा स्थित एक्सपो मार्ट में आयोजित वर्ल्ड डेयरी सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डाटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में करीब 70 फीसदी महिला शक्ति कार्यबल का प्रतिनिधित्व करती है। भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं ही हैं। देश के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं।
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2014 से 2022 तक भारत ने दूध उत्पाद में की 44% की बढोत्तरी
वर्ल्ड डेयरी समिट के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर की क्षमता को बढ़ाने के लिए काम किया। आज इसका नतीजा है कि दूध उत्पादन से लेकर किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है। 2014 में भारत में 1.46 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता था। 2022 में यह बढ़कर 2.10 करोड़ लीटर पहुंच गया। इन 8 सालों में करीब 44 फीसदी की वृद्धि हुई है।
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छोटे पशुपालकों को बना रहे हैं मार्केट में बड़ी फोर्स
देश के प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को ग्रेटरनोएडा स्थित एक्सपो मार्ट में आयोजित वर्ल्ड डेयरी समिट के दौरान कहा कि भारत का ज्यादा ध्यान पशुपालन के क्षेत्र में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर है। डेयरी सेक्टर से जुड़े छोटे किसानों की ताकत को हम किसान उत्पादक संगठनों और महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एकजुट कर रहे हैं, इन्हें बड़ी मार्केट फोर्स बना रहे हैं। अपने युवा प्रतिभा का उपयोग हम कृषि और डेयरी सेक्टर में स्टार्टअप के निर्माण में भी कर रहे हैं। पिछले 5-6 वर्षों में कृषि और डेयरी क्षेत्र में 1,000 से अधिक स्टार्टअप बनाए गए।
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अब बनेगा आपकी भैंसों का भी पशु Aadhar Card
आधुनिक तकनीक की मदद से पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान की जा रही है। इसे पशु आधार नाम से बाजार को विस्तार दिया गया देने में मदद मिलेगी है। पशु आधार के जरिये पशुओं की डिजिटल पहचान होगी। इससे जानवरों की सेहत पर नजर रखने के साथ-साथ डेयरी उत्पादों से जुड़े बाजार को विस्तार देने में मदद मिलेगी।
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दिन में नहीं बल्कि रात को चरने जाती है बन्नी भैंस
वर्ल्ड डेयरी सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। यहां के पशुओं ने भी अपने आप को जलवायु के अनुकूल ढाला है। हमारे पास भैंसों और गायों की जो नस्ल है, वह कठिन समय में भी खुद को ढालती हैं। गुजरात की बन्नी भैंस रात के कम तापमान में घास चरने के लिए निकलती है क्योंकि वहां दिन में भयंकर धूप होती है। विदेशी मेहमान यह सुनकर चौंक जाएंगे कि रात में भैंस के साथ उनका पशुपालक नहीं होता है। ये बन्नी भैंस 10-15 किमी. दूर चरते हुए निकल जाती हैं। अपने घर ही लौटती हैं हमने सिर्फ बन्नी का उदाहरण दिया है। ये भैंसें अपने ही घर लौटती है, दूसरे के घर नहीं जाती हैं। आज तक यह नहीं सुनने को मिला है कि किसी की बन्नी भैंस खो गई है।
वैज्ञानिकों ने तैयार किया लंपी वायरस (Lumpy Virus) बीमारी का देसी टीका
देश भर की देसी नस्ल की गाय पिछले कुछ महीनों से लंपी वायरस नामक बीमारी के कारण बड़ी संख्या में मर रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लंपी नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है। विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी त्वचा रोग की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है। भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत-प्रतिशत पशुओं को पैर एवं मुहं (foot and mouth disease) की बीमारी और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।