बासमती(Basmati) चावल में हरियाणा का 60 फीसदी हिस्सा
हरियाणा में भारी बारिश ने खड़ी बासमती (Basmati Rice) फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जो राज्य सुगंधित चावल (Basmati Rice) की किस्म के देश के उत्पादन में 60% का योगदान देता है, जिससे इसकी कीमतें अधिक होने की संभावना है। धान की फसल को नुकसान ऐसे समय हुआ है जब चावल की सभी किस्मों की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।
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इस समय बासमती (Basmati Rice) फसल के लिए नमी एक प्रमुख चिंता का विषय है क्योंकि इससे चावल की गुणवत्ता में गिरावट आती है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (AIREA) के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर विनोद कौल ने ईटी को बताया, ‘हरियाणा में भारी बारिश से बासमती धान (Basmati Paddy) की फसल पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा, “हालांकि, हमें अभी नुकसान का आकलन करना है, लेकिन इसका निश्चित रूप से इस साल खरीफ उत्पादन पर असर पड़ेगा। कीमतें स्थिर रहेंगी क्योंकि आपूर्ति पक्ष कम होगा।”
हरियाणा में सोनीपत और पानीपत से लेकर करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला तक पूरे बासमती (Basmati Paddy) बेल्ट में पिछले गुरुवार से भारी बारिश हुई। देश में सालाना 8.5-9.0 मिलियन टन बासमती चावल (Basmati Rice) का उत्पादन होता है। FY22 में, भारत ने ईरान, इराक, सऊदी अरब और यमन जैसे पश्चिम एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका को 3.94 मिलियन टन किस्म का निर्यात किया था।
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बासमती चावल (Basmati Rice) के व्यापारियों ने मांग की है कि हरियाणा सरकार किसानों को मंडियों में ले जाने के बजाय सीधे चावल मिलों तक फसल लाने की अनुमति दे क्योंकि मिलों में धान सुखाने की सुविधा है। हरियाणा में लगभग 1,200 मिलें हैं, जिनमें धान सुखाने की सुविधा है।
AIREA के पूर्व अध्यक्ष और बासमती चावल (Basmati Rice) निर्यातक विजय सेतिया ने कहा कि राज्य सरकार को किसानों की मदद के लिए तुरंत कुछ उपाय करने चाहिए।