Baran Mandi Bhav Today Grains (अनाज)
साबुत चना दाल-Bengal Gram(Gram)(Whole)
न्यूनतम भाव (MIN PRICE)-₹4065, अधिकतम भाव (MAX PRICE)₹4290, औसत भाव (MODAL PRICE)₹4231
साबुत उरद दाल(काली दाल) -Black Gram (Urd Beans)(Whole)
न्यूनतम-₹5400, अधिकतम-₹6220, औसत-₹6000
साबुत मूंग दाल-Green Gram (Moong)(Whole)
न्यूनतम-₹5800, अधिकतम-₹5800, औसत-₹5800
मेथी (बीज)-Methi Seeds- न्यूनतम-₹3700, अधिकतम-₹4000, औसत-₹3900
मटर (सूखी)-Peas(Dry)- न्यूनतम-₹2500, अधिकतम-₹2500, औसत-₹2500
सोयाबीन-Soyabean- न्यूनतम-₹4000, अधिकतम-₹5001, औसत-₹4650
गेहूँ-Wheat- न्यूनतम–₹2170, अधिकतम-₹2305, औसत-₹2250
जौ-Barley (Jau)- न्यूनतम-₹2360, अधिकतम- ₹2360, औसत-₹2360
मक्का-Maize- न्यनूतम-₹1516, अधिकतम-₹1600, औसत-₹1570
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राजस्थान के बारां जिले के एक किसान की कहानी आपसे सांझा करेंगे, जिनके साथ हजारों किसानों की किस्मत को एक सरसों (Sarso) के पौधे बदल कर रख दिया।
प्रगतिशील किसान बारां निवासी राजकुमार टोंग्या एक पौधे से सरसों के नए बीज की खोज कर न केवल बेहतर उत्पादन ले रहे हैं, बल्कि जिले के अन्य किसानों को भी इस बीज को उपलब्ध करवाकर आर्थिक तौर पर मजबूत भी कर रहे हैं।
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एक अलग पौधे पर बनाए रखी नजर
दरअसल टोंग्या ने मांगरोल रोड स्थित उनके खेत में वर्ष 2016 में सरसों की बुवाई की थी। उस दौरान खेत में एक पौधा अलग ही नजर आ रहा था। उसे देखकर उनके मन में जिज्ञासा हुई और उसने उस पौधे पर लगातार नजर रखी। बाद में जब सरसों की कटाई हुई तो उस पौधे की अलग ही कटाई कर सरसों निकाली गई। जो करीब 200 ग्राम निकली।
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एक पौधे के बीज से की सरसों की बुआई
टोंग्या ने 2017 में उस सरसों की एक अलग खेत में बुवाई की। इससे उन्हें 4 क्विंटल सरसों मिली। इसके बाद उन्होंने इसी बीज की बुवाई का दौर जारी रखा। अब इस बीज से 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा सरसों होती है। सरसों का यह उत्पादन किसी भी हाइब्रिड बीज से भी नहीं मिलता। परंतु उत्पादन उनसे ज्यादा करता होता है।
किसानों को दे रहा है अच्छा उत्पादन
इस बीज को अन्य किसानों को भी दिखाया तो कई किसान उस बीज को ले गए। उन्होंने भी बुवाई की जिससे अच्छा उत्पादन उनके यहां भी निकला। लगातार 3 साल में उन्होंने बीज को ग्रेडिंग करा कर कई किसानों को सामान्य दर पर वितरित किया।
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हाइब्रिड से सस्ता पड़ता है बीज
किसान टोंग्या ने बताया कि हाइब्रिड बीज काफी महंगा आता है। इसकी लागत करीब 500 से 800 रुपए तक होती है। इतना ही नहीं हाइब्रिड बीज बार-बार नया बीज खरीदना पड़ता है। जबकि उनके द्वारा उत्पादित बीज को कई बार बुवाई के लिए काम में लाकर किसान अपना खुद का बीज बैंक बना सकते हैं।
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नहीं हुआ कीट का प्रकोप
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अन्य किस्म के बीजों में जहां सफेद रोली का प्रकोप देखने को मिला। वहीं इस बीज पर सफेद रोली का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इससे यह बीज सफेद रोली रिस्टेंस किस्म का बीज है। इस बीज के पौधे की हाइट भी कम रहती है तथा यह नीचे से फैलाव लेता है। इस बीज के बारे में जानकारी मिलने के बाद कई किसान उनके पास आए और बीज लेकर गए। उन्हीं में से एक कुन्जेड़ गांव के एक किसान ने बताया कि वास्तव में यह बीज हाइब्रिड जैसा है। जो अच्छा उत्पादन देता है। फसल के साथ ही यह स्वयं का बीज भी उत्पादन हो जाता है। वह 2 साल से इस बीज का ही प्रयोग कर रहे हैं।