सेंट्रल फ़ार्म मशीनरी ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टिट्यूट बुधनी (मध्य प्रदेश) ने भारत का पहला इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर टेस्ट किया है | यह ट्रेक्टर किसने बनाया है अभी तक उसके नाम का खुलासा इंस्टिट्यूट नहीं कर सका है क्यूंकि टेस्ट करने की शर्तों में नाम का खुलासा ना किये जाना भी एक महत्वपूर्ण शर्त रखी गयी थी | संस्थान के अनुसार फ़रवरी 2021 में टेस्ट की ड्राफ्ट रिपोर्ट रिलीज की गयी थी |
ड्राफ्ट टेस्ट रिपोर्ट के रिलीज होने के बाद ट्रेक्टर निर्माता ने संस्थान को टेस्ट की नेचर को गोपनीय से व्यावसायिक बदलने का निवेदन किया है जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है अब जल्द ही व्यावसायिक टेस्ट रिपोर्ट को रिलीज किया जाएगा |
इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर किसान की जेब का बोझ हल्का करने के साथ साथ पर्यावरण को बचाये रखने में भी मददगार साबित होगा| सेंट्रल फ़ार्म मशीनरी ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टिट्यूट बुधनी (मध्य प्रदेश) को 30 मार्च 2021 को ही CMVR Test जिसे सेंट्रल मोटर वेहिकल रूल्स टेस्ट भी कहते हैं को करने के लिए NABL Accreditation Certificate जारी किया गया है | केंद्र सरकार की मुक्त व्यापार नीतियों के अंतर्गत घरेलू व्यापार और निर्यात में एक नई चेतना जागृत हुई है जिसके फलस्वरूप हमारे टेस्टिंग सेंटर्स और प्रयोगशालाएं काबलियत के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानदंडों को पूरा कर रही हैं |
ट्रैक्टर्स के बारे में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सूचना संग्रह करने वाली वेबसाइट www.tractorjunction.com के अनुसार इलेक्ट्रिक ट्रेक्टरों के निम्नलिखित लाभ किसान भाइयों को होंगे :
1. | किफायत | इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर अधिक किफायती होंगे और इन्हें सौर उर्जा से भी चार्ज किया जा सकेगा | |
2. | दक्षता | इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर की एफिशिएंसी यानी दक्षता 80% होगी जबकी डीजल ट्रेक्टर बस 35% की दक्षता प्रदान करता है |
3. | रिपेयर | इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर रिपेयर और मेंटेनन्स के मामले में भी डीजल के ट्रेक्टर के मुकाबले में किफायती साबित होंगे | |
4. | पर्यावरण |
इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर पूर्णतया प्रदूषण रहित होंगे और ग्रीनहाउस असर को कम करने में मददगार साबत होंगे | |
ऑटो NXT नामक कम्पनी ने छोटे किसानों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर बनाया है , मुंबई में रहने वाले इलेक्ट्रिकल इंजिनियर श्रीमान कौस्तुभ ढोंढे ने ह्ल्क नाम से बिना ड्राईवर के चलने वाला ट्रेक्टर भी बनाया है |