DAP खाद पर सब्सिडी 140% बढ़ाई गई
आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें अधिकारियों द्वारा उन्हें खाद की बढ़ी हुई कीमतों के बारे में विस्तार से बताया गया जिसमें कारणों पर बात हुई तो यह बात सामने आई कि अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में डी.ए.पी. व् अन्य खादों के निर्माण में प्रयुक्त किये जाने वाला कच्चे माल फास्फोरिक एसिड और अमोनिया की कीमतों में भारी उछाल आया है जिसकी वजह से निर्माण लागत बढ़ गयी है |
इसीलिए पिछले दिनों भारत में डी.ए,पी. के कट्टे की कीमतों में वृद्धि की गयी थी | बढ़ी हुई कीमत 2400 रुपये प्रति कट्टा हो जाने की वजह से किसान समाज में एक निराशा की लहर थी | प्रधानमंत्री महोदय ने उच्च स्तरीय बैठक में बतौर अध्यक्ष अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मूल्य बढ़ जाने के बावजूद भी किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद मिलनी चाहिए |
डी.ए.पी. खाद के लिए सब्सिडी 500 रुपये प्रति कट्टा से, 140% बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति कट्टा , करने का ऐतिहासिक निर्णय आज हुई बैठक में लिया गया। इस प्रकार, डी.ए.पी. खाद की अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमतों में वृद्धि के बावजूद, इसे 1200 रुपये के पुराने मूल्य पर ही बेचे जाने का निर्णय लिया गया है| अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में हुई इस मूल्य वृद्धि का सारा अतिभार केंद्र सरकार ने उठाने का फैसला लिया है। गौरतलब बात यह है कि भारत की इतिहास में प्रति कट्टा सब्सिडी की राशि कभी भी एक बार में इतनी नहीं बढ़ाई गई है।
पिछले साल डी.ए.पी. खाद का वास्तविक रेट 1700 रुपये प्रति कट्टा था लेकिन किसानों को डी.ए.पी. खाद 1200 रूपए प्रति कट्टा ही मिल रहा था इसमें 500 रुपये प्रति कट्टा केंद्र सरकार के द्वारा सब्सिडी के मद में वहन किया जा रहा था |
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में फास्फोरिक एसिड और अमोनिया के रेट्स 60% से 70 % तक बढ़ गये हैं और इसी वजह से डी.ए.पी. खाद का वास्तविक मूल्य 2400 रूपए इ प्रति कट्टा हो गया था और यदि भारत सरकार अपनी पुरानी सब्सिडी दर को जारी रखती तो किसान को 500 रुपये सब्सिडी देंने के बाद 1900 रुपये प्रति कट्टा पड़ रहा था |
इस असमय मूल्यवृद्धि के कारण पूरे देश में से किसान समाज की निराशा भरी प्रतिक्रियाएं ही मिल रही थी | उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय से किसान को डी.ए.पी. खाद का कट्टा पुराने रेट पर ही मिलता रहेगा |
प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी कि किसानों को मूल्य वृद्धि का दुष्प्रभाव न भुगतना पड़े।
गौरतलब बात यह है कि केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों पर सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। डी.ए.पी. खाद में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी|
अक्षय तृतीया के दिन PM-KISAN के तहत किसानों के खाते में 20,667 करोड़ रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर करने के बाद, किसानों के हित में यह दूसरा बड़ा फैसला है।