देसी गाय की खरीद पर हरियाणा सरकार देगी 25 हजार रुपये की सब्सिडी

हरियाणा सरकार द्वारा खेती में जोखिमों को कम करने और खेती को जहर मुक्त बनाने के लिए किसानों को अलग-अलग योजनाओं एवं अनुदान-सब्सिडी के माध्यम से प्रेरित कर रही है, ताकि खेतों में रसायनों का प्रयोग कम हो जाए या बिल्कुल खत्म हो जाए। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाले ऐसे किसानों को जिनके पास 2 से 5 एकड़ भूमि है। उनको देसी गाय की खरीद पर अधिकतम 25 हजार रूपये की सब्सिडी देने की योजना की शुरु की है।

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प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार जीवामृत तैयार करने के लिए 4 बड़े ड्राम भी बिना किसी शुल्क के किसानों को देगी। उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि उपरोक्त योजना का लाभ लेने वाले किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम निःशुल्क दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदेश में 50 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए कृषि विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर किसानों का प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

आजकल ऑर्गेनिक या प्राकृतिक तरीके से उगाए गए खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहती है, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति सही हो और साथ में उपभोक्ता को बिना रसायन का खाना उपलब्ध हो सके। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में बताया कि बाजार में बढ़ रही मांग प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के मद्देनजर किसानों द्वारा अधिक लिए स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती उपज प्राप्त करने के लिए यह सब्सिडी शुरू की है। कीटनाशकों एवं उर्वरकों से खेती की जमीन को बचाए रखने में यह पहल काफी कारगर साबित हो सकती है। पिछले कुछ सालों में देश एवं प्रदेश में हानिकारक रसायनों का प्रयोग काफी मात्रा में बढ़ा है। इस तरह की योजना लाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।

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पशुओं और पौधों का अपशिष्ट बाकी तत्वों के साथ-साथ मिट्टी के लिए बहुत जरूरी कार्बन तत्व की भरपाई करता है, जो न सिर्फ मिट्टी की उवर्रता बढ़ाता है, बल्कि जल को सोखने की क्षमता भी बढ़ाता है। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में मृदा विज्ञान के प्रोफेसर और संयुक्त राष्ट्र एकीकृत प्रबंधन संस्थान (यूनू-फ्लोरस) की सलाहकार समिति के प्रमुख रत्तन लाल बताते हैं कि अभी भारतीय खेती की समस्या क्या है। ‘जमीन को कुछ भी वापस नहीं मिलता, मिट्टी नष्ट हो जाती है,’ वह फसल को काटने और उसके बाद जड़ तथा ठंडल को जमीन में वापस डालने की बजाय जला देने की किसानों की आदत के संदर्भ में कहते हैं। ‘ऊपरी मिट्टी में कार्बन तत्व प्रति 100 ग्राम मिट्टी में 2 प्रतिशत होना चाहिए। मगर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जो देश के अन्न भंडार हैं, में ऊपरी मिट्टी में कार्बन तत्व मात्र 0.05% है।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि प्रदेश में 50 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए कृषि विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। फसल की बिक्री एवं कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/ पर पंजीकरण होना अनिवार्य है।

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