फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के स्टॉक में पड़े अतिरिक्त खाद्यानों से बनेगा एथेनोल, भारत सरकार ने जारी की नीति

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजिक वितरण मंत्रालय ने जानकारी दी है कि साल 2022 तक पेट्रोल में 10% तक फ्यूल ग्रेड का एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे साल 2025 तक बढ़ा कर 20 % करने का लक्ष्य रखा गया है | सरकार द्वारा ऐसा करने की मंशा के पीछे कृषि इकॉनमी को बढ़ावा देना , आयातित फॉसिल फ्यूल पर देश की निर्भरता को कम करना , विदेशी मुद्रा भंडार को बचाना और वायु प्रदुषण को भी कम करना है | 

देश में गन्ना और चीनी सेक्टर को स्पोर्ट करने के साथ साथ गन्ना उत्पादक किसानों की रूचि बरक़रार रखने के लिए सरकार ने पहले ही चीनी मीलों को बी हैवी मौलासेस से , गन्ने के रस और चीनी के घोल से एथनॉल बनाने की इजाजत दी हुई है | सरकार के यह भी आदेश हैं कि चीनी के उत्पादन का लक्ष्य पूरा होजाने के बाद जितना भी गन्ना चीनी मिल को मिले उसका सारे का एथेनॉल बना लिया जाये | 

पिछले पेराई सत्र 2019-20 में 9 लाख मीट्रिक टन गन्ने से एथेनॉल बनाया गया था | चालू पेराई सत्र 2020-21 में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग 20 लाख मीट्रिक टन गन्ने से एथेनॉल बनाया जाएगा | साल 2025 तक 50 से 60 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त गन्ने  से एथनॉल बनाया जाने लगेगा | इससे चीनी मीलों और किसानों की अनेक समस्याओं का समाधान हो जायेगा जैसे चीनी मिलों के पास किसानों के गन्ने की सप्लाई का भुगतान करने के लिए धन की कमी हो जाती है | एथनॉल को बेच कर बीच बीच में आने वाली धन की कमी को पूरा किया जा सकेगा | 

मंत्रालय ने आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि पिछले तीन सालों में चीनी मिलों के द्वारा लगभग 22000 करोड़ रुपये का एथेनॉल बना कर तेल विक्रय करने वाली कंपनियों को बेचा गया है | 

फ्यूल ग्रेड एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के द्वारा खरीदे गए मक्का और चावल से एथेनॉल बनाने की मंजूरी दे दी है | फ़ूड कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया के पास जो चावल पड़ा है उसे आने वाले सालों में अल्कोहल बनाने वाली डिस्टलरियों को दिया जाएगा 

इस तरह से स्टॉक में अतिरिक्त उपलब्ध खाद्यानों से एथेनॉल बनाने से किसानों को बहुत फायदा होगा और उन्हें उनके फसलोत्पाद के लिए आश्वस्त खरीदार मिलते रहेंगे जिससे देश के किसानों की आमदनी बढ़ेगी और पूरे भारत के गाँवों में खुशहाली के रास्ते खुलेंगे | 

सरकार ने मक्का से बनने वाले एथेनॉल की कीमत 51.55 रुपये/लीटर तय की है और चावल से बनने वाले एथेनॉल की कीमत 56.87 रुपये/लीटर तय की गयी है | 

वित्तवर्ष  2020-21 के लिए सरकार ने एथेनॉल उत्पादन में प्रयोग किये जाने वाले चावल की कीमत 2000 रुपये प्रति किवंटल रखी है , यही कीमत वित्त वर्ष 2021-22 में भी जारी रहेगी| ऐसा करने से उद्योगों को चावल की उपलब्धता और कीमतों में उतार चढ़ाव का जोखिम भी कम होगा और इससे बाजार में स्थायित्व भी बना रहेगा | स्टॉक में पड़े अतिरिक्त चावल से एथेनॉल बनाने के लिए डिस्टिलरी अपने निकटतम ऍफ़ सी आई डिपो से स्टॉक ले सकेगी|

चालू एथेनॉल सप्लाई वर्ष 2020-21 ( दिसंबर से नवंबर) के दौरान देश की कुल तेल खपत का 8% एथेनॉल से ब्लेंडिंग करने का लक्ष्य रखा गया है जो कि लगभग 325 करोड़ लीटर बैठता है |  26 अप्रैल 2021 तक तेल बेचने वाली कंपनियों द्वारा  349 करोड़ लीटर की डिमांड विभिन्न डिस्टलरियों को दी जा चुकी है और जिसमें से 124 करोड़ लीटर एथेनॉल की सप्लाई डिस्टलरियों के द्वारा तेल बेचने वाली कंपनियों को दी जा चुकी है | 

अगले एथेनॉल सप्लाई वर्ष 2021-22 में जब एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य 10 % होगा तो 400 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता तेल बेचने वाली कंपनियों को होगी  

देश में एथेनॉल की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने 14 जनवरी 2021 को नयी अनाज आधारित अल्कोहल बनाने वाली डिटसलरी ईकाइयां स्थापित करने के उद्देश्य से एक इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम की शुरुआत की है | जिसके तहत पुरानी शीरा आधारित डिस्टलरियों को आधुनिक बना कर उन्हें खाद्यान आधारित डिस्टलरी में अपग्रेड करना शामिल है जिससे फर्स्ट जेनरेशन एथेनॉल स्टॉक का उत्पादन संभव हो सकेगा | 

सार्वजनिक वितरण विभाग ने जानकारी देते हुए बताया है कि 422 प्रस्ताव जिनसे 1684 करोड़ लीटर एथेनॉल जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 42000 करोड़ रुपये होगी को मंजूर किया गया है | इन मंजूरशुदा प्रस्तावों के बावजूद अगले दो से चार सालों  में 600 करोड़ लीटर एथेनॉल मिलना शुरू हो जाएगा | साल 2025 तक आते आते जब ब्लेंडिंग का लक्ष्य 20 % होगा तो 1500 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन शुरू हो जाएगा |   

भारत में गन्ने से एथेनॉल का उत्पादन मुख्यत: उत्तरप्रदेश , महाराष्ट्र और कर्णाटक में किया जाता है | इन राज्यों से एथनॉल को ट्रांसपोर्ट करके ब्लेंडिंग के लिए दुसरे राज्यों में लाया जाता है जिससे यह महंगा पड़ता है | खाद्यानों से एथेनॉल बनने की शुरुआत होने पर सभी राज्यों को उनके आस पास से डिस्टिलरियों से एथेनॉल उपलब्ध हो जाएगा जिससे कीमतें भी कंट्रोल में रहेंगी |  

खाद्यानों से एथेनॉल उत्पादन करने वाले प्रोजेक्ट्स की तेजी से स्थापना करवाने के लिए पर्यावरण , वन और क्लाइमेट चेंज मंत्रालय ने एन्वायरमेंटल क्लीयरेंस को तेजी से दिलवाने के लिए प्रोसीजर को व्यवस्थित किया है | भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने एक स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को स्थापित किया है जिसके तहत लोन देने की प्रक्रियाओं में तेजी लायी जा सकेगी ताकि खाद्यानों से एथेनॉल के उत्पादन के लक्ष्यों को तय की गयी समय सीमा के अंदर ही  पूरा किया जा सके|  

भारत सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के साथ साथ किसानों द्वारा उत्पादित फसलों के लिए नए बाजार स्थापित करने का लक्ष्य भी हासिल किया जा सकेगा  और इससे किसानों की आय में निश्चित ही वृद्धि होगी | 

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