अलफान्सों आम को लेकर महाराष्ट्र और कर्णाटक के बीच उत्पन्न हुई तनाव की स्थिति

अलफान्सों आम  महराष्ट्र राज्य के कोंकण इलाके की शान माना जाता है लेकिन आजकल पड़ोस के इलाके कर्नाटक से आ रहे अलफान्सों आमों की वजह से कोंकण के किसानों का प्रॉफिट मार्जिन बहुत ज्यादा घट गया है और इसी वजह से कर्णाटक और महाराष्ट्र राज्यों के बीच कलह उत्पन्न हो गया है | 

महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के किसानों ने पड़ोस के राज्य कर्नाटक से आने वाले अलफान्सों आमों को नकली कहना शुरू कर दिया है जिसकी वजह से मार्किट में तनाव और खिंचाव देखा जा रहा है 

कोंकण क्षेत्र के विधायक श्री वैभव नायक ने महाराष्ट्र  के कृषि मंत्री दादा भुसे के समक्ष इस मसले को रखा है और कहा है कि पडोसी राज्य कर्नाटक के किसानों द्वारा उगा कर मार्किट में सप्लाई किये जा रहे नकली अलफान्सों आमों के द्वारा कोंकण इलाके के किसानों को बड़ा आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ रहा है 

जी.आई.टैग

अलफान्सों आम को कोंकण इलाके में उगाये जाने के कारण पैदा होने वाले स्वाद के कारण ज्योग्राफिकल इंडिकेटर जिसे जी आई टैग भी कहते हैं के तहत व्यापरिक सुरक्षा प्रदान की गयी है 

वरिष्ठ आई.पी.आर एक्सपर्ट श्री राम प्रकाश यादव जी कहते हैं कि जी आई नियमों का उलंघन करने पर वायलेशन ऑफ़ जी आई गुड्स (रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट 1999) के तहत 6 महीने की कारवास सजा और पचास हज़ार रुपये जुर्माने का प्रावधान है 

अलफान्सों आम को कोंकण इलाके के किसानों की आय का मुख्य स्त्रोत माना जाता है 

यह आम लोकल मार्किट में 1200 रुपये दर्जन (छोटा साइज़ ) और 1500 रुपये दर्जन (बड़ा साइज़) के भाव से बिकता है जबकि कर्नाटक से आने वाला आम अलफान्सों कह कर 500 रुपये दर्जन के भाव से बिक रहा है 

महाराष्ट्र में एग्रीकल्चर मार्किट प्रोड्यूस कमेटियों  को आदेश दिए गये है कि कर्णाटक से आ रहे आमों पर नज़र रखें और अलफान्सों आम कह कर उन्हें पास ना किया जाए | 

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