भारत में अप्रैल 2021 में जी.एस.टी. राजस्व संग्रह का नया रिकॉर्ड बना है और अप्रैल 2021 में 1,41,384 करोड़ रुपये का सकल जीएसटी राजस्व संग्रह हुआ है | सरकार के वित्त मंत्रालय ने आज अधिसूचना जारी करके यह बतया है कि करोना महामारी के प्रकोप के कारण जी एस टी करदाताओं को आंशिक राहत देने के लिए नियमों और जी.एस.टी. कर के भुगतान की देय तिथियों में कुछ बदलाव किये गये हैं जिनसे कर दाताओं का बोझ कुछ कम होगा और उन्हें कुछ राहत मिलेगी |
भारत सरकार के द्वारा कर दाताओं के लिए जो उपाय किये गये हैं वो इस प्रकार हैं
ब्याज दर में कमी
कर के भुगतान में होने वाली देरी के लिए प्रति वर्ष 18% की सामान्य ब्याज दर लागू होती हैं लेकिन अब उसके बदले में ब्याज की रियायती दरें निम्नलिखित विशेष मामलों में बदली गई हैं।
- 5 करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत कारोबारियों के लिए मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों हेतु देय कर, जो क्रमशः अप्रैल 2021 और मई 2021 में देय हैं, के लिए कर भुगतान की अंतिम तिथि से लेकर पहले 15 दिनों के लिए 9 %की रियायती ब्याज दर और उसके बाद 18 फीसदी ब्याज दर का लागू होना अधिसूचित किया गया है।
- 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए: मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों हेतु देय कर, जो क्रमशः अप्रैल 2021 और मई 2021 में देय हैं, के लिए सामान्य करदाताओं और क्यू.आर.एम.पी. योजना के तहत आने वाले करदाताओं दोनों ही के लिए कर भुगतान की अंतिम तिथि से लेकर पहले 15 दिनों के लिए शून्य ब्याज दर, अगले 15 दिनों के लिए 9% ब्याज दर और उसके बाद 18 % ब्याज दर को अधिसूचित किया गया है।
- कंपोजिशन स्कीम के तहत कर भुगतान करने का विकल्प चुनने वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए 31 मार्च, 2021 को समाप्त तिमाही के लिए देय कर, जो अप्रैल 2021 में देय था, के लिए कर भुगतान की अंतिम तिथि से लेकर पहले 15 दिनों के लिए शून्य ब्याज दर, अगले 15 दिनों के लिए 9 %ब्याज दर और उसके बाद 18 %ब्याज दर को अधिसूचित किया गया है।
विलंब शुल्क माफ करना
- 5 करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों, जो क्रमशः अप्रैल 2021 और मई 2021 में देय हैं, के लिए अंतिम तिथि के बाद फॉर्म जी.एस.टी.आर.-3बी. में जमा किए गए रिटर्न के संबंध में विलंब शुल्क को 15 दिनों के लिए माफ कर दिया गया है।
- 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए: मार्च 2021 और अप्रैल 2021 की कर अवधियों (मासिक रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए), जो क्रमशः अप्रैल 2021 और मई 2021 में देय हैं, के लिए / और जनवरी-मार्च, 2021 की अवधि (क्यू.आर.एम.पी.योजना के तहत त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए), जो अप्रैल 2021 में देय है, के लिए अंतिम तिथि के बाद फॉर्म जी.एस.टी.आर.-3बी. में जमा किए गए रिटर्न के संबंध में विलंब शुल्क को 30 दिनों के लिए माफ कर दिया गया है।
जीएसटीआर-1, आईएफएफ, जीएसटीआर-4 और आईटीसी-04 दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई
- अप्रैल महीने के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1 और आईएफएफ दाखिल करने की अंतिम तारीख (मई में निर्दिष्ट) 15 दिन बढ़ा दी गई है।
- वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-4 दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल, 2021 से बढ़ाकर 31 मई, 2021 कर दी गई है।
- जनवरी-मार्च, 2021 की तिमाही के लिए फॉर्म आईटीसी-04 दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अप्रैल, 2021 से बढ़ाकर 31 मई, 2021 कर दी गई है।
सीजीएसटी नियमों में कुछ विशेष संशोधन
- आईटीसी का लाभ लेने में छूट: नियम 36 (4) अर्थात फॉर्म जी.एस.टी.आर.-3बी में आई.टी.सी. का लाभ लेने पर 105% की सीमा, जो अप्रैल और मई 2021 की अवधि के लिए संचयी आधार पर लागू होगी, वह मई 2021 की कर अवधि के लिए रिटर्न में लागू होगी। अन्यथा, नियम 36 (4) प्रत्येक कर अवधि के लिए लागू होता है।
- इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड का उपयोग करने वाली कंपनियों द्वारा जी.एस.टी.आर.-3बी. और जी.एस.टी.आर.-1 /आई.एफ.एफ. को दाखिल किए जाने को पहले ही 27.04.2021 से लेकर 31.05.2021 तक की अवधि के लिए सक्षम कर दिया गया है।
सीजीएसटी अधिनियम की धारा 168ए के तहत वैधानिक समय सीमा बढ़ाई गई
- जीएसटी अधिनियम के तहत किसी अधिकारी या किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न कार्यों को पूरा करने की समय सीमा , जो 15 अप्रैल, 2021 से लेकर 30 मई, 2021 तक की अवधि के अंतर्गत आती है, को 31 मई, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इसमें कुछ अपवाद भी हैं, जिन्हें अधिसूचना में निर्दिष्ट किया गया है।