जैविक खेती से राजेश कुमार ने टर्नओवर पहुंचाया डेढ़ करोड़ (Progressive Farmer Rajesh)

Progressive Farmer Rajesh 500 किसानों को दे रहे हैं प्रशिक्षण

प्रगतिशील किसान  राजेश कुमार (Progressive Farmer Rajesh kumar Kaithal)

गांव खेड़ी सिकंदर, जिला-कैथल, मोबाइल नंबर 9254444442

10 एकड़ भूमि में घीया, तोरी, करेला, मिर्च, तरबूज, खीरा की खेती करते हैं।

खेती के लिए इस्तेमाल करते हैं तकनीक- सूक्ष्म सिंचाई, स्टेकिंग, मलचिंग

फसल तुड़ाई उपरांत- ग्रेडिंग, पैकिंग, पैक हाउस

प्रबंधन खेती में आने वाली बिजली, लेबर रूकावटे सलाना

आय टर्नओवर- 1 करोड़ 25 लाख, मुनाफा- 4 लाख रूपए

बाजारीकरण- दिल्ली, चंडीगढ़, कैथल, रिलायंस

Organic खेती करने की प्रेरणा-

(Progressive Farmer Rajesh kumar Kaithal) प्रगतिशील किसान राजेश कुमार की मां को कैंसर हो गया था, उसके बाद इन्होंने खेतों में कीटनाशकों एवं दवाइयों का प्रयोग खेत में बिल्कुल बंद कर दिया।

कब शुरू की जैविक खेती-

प्रगतिशील किसान राजेश कुमार (Progressive Farmer Rajesh kumar Kaithal) ने 2002 से दो एकड़ में जैविक खेती करनी शुरू की। आरंभ में गेहूं, धान, सरसों आदि फसल तैयार करते थे।

Digital Farmer-

प्रगतिशील किसान के साथ राजेश कुमार (Digital Farmer) भी बन गए। लॉकडाउन में जब कुछ बंद था तो वाट्सप ग्रुप बनवाकर लोगों को जोड़ना शुरू किया और लोगों ने अच्छा रिस्पांस दिया। नतीजा यह निकला कि इनकी फसलें राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब आदि के बड़े शहरों में जाने लगी।

500 किसानों को दे रहे हैं प्रशिक्षण-

प्रगतिशील किसान (Progressive Farmer Rajesh kumar Kaithal) राजेश कुमार अब किसानों को आर्गेनिक खेती के लिए सलाह देते हैं और अब इनके साथ करीब 500 किसान जुड़े हुए है। जिन्हें खेती की बारीकियां बताते हैं।

आर्गेनिक खाद का करते हैं इस्तेमाल

जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों कीटनाशकों के स्थान पर कुदरती खाद का प्रयोग किया जाता है। जैसे गोबर की खाद, हरी खाद, जीवाणु कल्चर के अलावा बायो-पैस्टीसाइड व बायो एजेंट जैसे क्राइसोपा आदि का प्रयोग किया जाता है। इससे न केवल भूमि की पैदावार शक्ति लंबे समय तक बनी रहती है बल्कि पर्यावरण भी संतुलित रहता है। प्रगतिशील एवं डिजीटल किसान (Progressive Farmer Rajesh kumar Kaithal) ने बताया कि पौध वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश के अलावे काफी मात्रा में गौण पोषक तत्वों की पूर्ति जैविक खादों से होती है। इन खादों के प्रयोग से पोषक तत्व पौधों को काफी समय तक मिलता है। इन खादों के प्रयोग से दूसरे फसल को भी लाभ मिलता है।

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