दलहन की रिपोर्ट
बर्मा अरहर के भाव में हुई तेज़ी और बर्मा उड़द के भाव रहे स्थिर
दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर | 6900 | 100 रुपये की घटौती |
महाराष्ट्र की नांदेड लाइन की अरहर | 6900-7100 | 50 रुपये की घटौती |
चेन्नई में बर्मा की लेमन अरहर | 6525-6550 | 50 रुपये की घटौती |
मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर | 6600 | स्थिर |
इस दौरान मुंबई में अफ़्रीकी लाइन की अरहर के भाव भी तेज़ हुए :-
देश | भाव | विवरण |
तन्जानिया अफ्रीका की अरुबा अरहर | 5700 | स्थिर |
मटवारा अरहर | 5500-5600 | स्थिर |
मलावी अरहर | 5150 – 5200 | – |
मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर | 5550-5600 | – |
बर्मा उड़द के भाव (फेयर एवरेज क्वालिटी और एसक्यू के भाव)
मंडी | FAQ भाव | SAQ भाव | विवरण |
मुंबई | 7250 | – | स्थिर |
दिल्ली | 7400 | 8200 | 50 रुपये की घटौती |
चेन्नई | – | 8000 | स्थिर |
बर्मा लेमन अरहर के भाव
मंडी | भाव | विवरण |
दिल्ली | 6900 | स्थिर |
नांदेड लाइन दिल्ली डिलीवरी | 7000-6800 | स्थिर |
चेन्नई | 6600 | स्थिर |
मुंबई | 6575 | स्थिर |
फसलों की बुआई पर मौसम का असर
महाराष्ट्र और गुजरात में इस मानसून ज्यादा बारिश होने की ख़बरें सामने आ रही है | अतिवृष्टि यानि ज्यादा बारिश की वजह से इन दोनों राज्यों में सोयाबीन की बिजाई भी कमजोर है और इस अतिवृष्टि के कारण फसल को नुकसान होने की सम्भावना भी है |
जानकारों के अनुसार गुजरात में 11 जुलाई तक लगभग 1.35 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 148350 हेक्टेयर में बिजाई हो चुकी थी | बिल्कुल इसी प्रकार महाराष्ट्र में भी इस साल 3814095 हेक्टेयर में बिजाई हुई है जो पिछले साल की तुलना में कम है |
जानकारों के अनुसार किसानों ने इस साल महंगे दामों पर सोयाबीन के बीज खरीदें है और ज्यादा बारिश होने के कारण सोयाबीन के साथ साथ अन्य फसलों में भी नुक्सान होने की संभावना है | जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है | जब बिजाई का समय था तब बरसात बहुत कम हुई थी और अब जब फसल बढ़ रही है तो ज्यादा बरसात के होने से फसल के ख़राब होने की संभावना है |
सरसों का भाव (रुपये/क्विंटल)
जयपुर – 6950
दिल्ली – 6600
हिसार – 6600
ऐलनाबाद – 6280
आदमपुर – 6422
सिरसा – 6135
बरवाला – 6350
ग्वालियर – 6600
गोयल कोटा – 6750
केकरी – 6600
जोधपुर – 7200
छतरपुर – 6100
जबलपुर – 5450
अलवर – 6600
खैरथल – 6600
पोरसा – 6225
बारा – 6325
भरतपुर – 6521
कामा/कुम्हेर/नदबई /डीग/नगर – 6521
श्योपुर – 6450
अलीगढ़ – 6100
रायसिंहनगर – 6250
सलोनी प्लान्ट सरसों रेट
आगरा शमशाबाद/दिगनेर – 7400
अलवर – 7400
कोटा – 7400
बीकानेर – 6200
गढ़साना – 6100
धौलपुर – 6400
विजयनगर – 6400
कोटा – 6250
सुमेरपुर – 6550
भवानी – 6500
कालाँवली – 6067
सिवानी – 5810
अटरु – 6175
चिड़ावा – 6150
धौलपुर – 6400
इटावा – 6453
झालरापाटन – 6121
मंडावरी – 6511
नोखा – 5400
पदमपुर – 6040
रामगंज – 6370
श्री विजयनगर – 6161
सरसों खल तेल का भाव (रुपये/क्विंटल)
मुरैना – 2570
श्रीगंगानगर – 2525
केकरी – 2600
आगरा – 2731
भारत मोदीनगर – 2881
इंजन मथुरा – 2701
शारदा आगरा – 2701
अमृत कुंभीर – 2901
वीर बालक – 2601
शताब्दी – 2651
चौधरी गाजियाबाद – 2801
कच्ची घानी तेल का भाव (रुपये/क्विंटल)
मंगल – 1401
मुरैना – 1380
गंगापुर – 1375
श्रीगंगानगर – 1370
आदमपुर – 1380
शिव कोटा – 1420
उत्सव – 1390
हिंडौन – 1375
दोसा – 1375
सोयाबीन प्लांट का भाव (रुपये/क्विंटल)
मध्य प्रदेश
धानुका – 6125
️अमृत – 6000
आरएच सॉल्वेक्स – 6150
️राम धर्मपुरी – 6050
️लक्ष्मी – 6100
महाकाली – 6150
️प्रकाश – 6170
सोलापुर – 6450
️लातूर – 6450
️नांदेड़ – 6500
️हिंगोली – 6500
महाराष्ट्र
विजय लातूर – 6300
️धनराज – 6500
️सॉल्वेंट – 6350
️श्रीनिवास – 6450
️कपिल – 6500
️सन स्टार – 6400
️सांगली आरके – 6400
️गोयल कोटा – 6200
सोया रिफाइंड प्लांट का भाव (रुपये/लीटर)
मध्या प्रदेश
सोलापुर – 1325
️लातूर – 1325
️नांदेड़ – 1325
️हिंगोली – 1335
वीआईपीपीवाई – 1260
️एवीआई – 1260
️धानुका – 1230
️प्रकाश – 1250
️अमृत – 1233
️एमएस समाधान – 1233
महेश हाज़िर – 1225
महाराष्ट्र
सोनाई – 1270
अष्टक – 1275
️वेंकटेश – 1270
️ओमश्री – 1275
सत्यसाई – 1275
️दीसन – 1270
️बैतूल – 1280
️एमओईएल – 1275
️सुगना – 1265
️ कपिल – 1275
कपास का भाव (100 किलोग्राम)(रुपये/क्विंटल)
पंजाब
पक्की – 3450
कच्ची – 4050
भटिंडा (पक्की) – 3800
भटिंडा (कांची) – 4050
लुधियाना – 4500
मनसा – 4100
समाना – 4150
खन्ना – 4000
हरियाणा
आदमपुर – 3450
भट्टू – 3750
कैथल – 3850
उचाना – 3880
सिरसा – 3600
हिसार – 3600
इलानाबाद – 3600
राजस्थान
गलुवाला – 3800
रावतसर – 3000
जटासर – 3550
पिलिवंगा – 3500
गंगानगर – 3600
विजयनगर – 3540
हनुमानगढ़ – 3550
रायसिंहनगर – 3600
पद्मपुर – 3520
संगरिया – 3150
गुजरात
ढासा, दामनगर, बबरा – 1900
कड़ी – 1850
विसनगर – 1820
हारु – 1870
मोरबी – 1860
राधनपुर – 1870
मध्य प्रदेश
खंडवा – 3350
अंजद – 3300
इंदौर – 3500
खरगोन – 3350
बड़वाह – 3450
देवास – 3425
महाराष्ट्र
वानी – 3350
मलकापुर – 3350
नागपुर – 3300
भोकर – 3280
सेलु – 3200
अकोला – 3400
नांदेड़ – 3500
खामगाँव – 3550
तेलंगाना
जोगीपेट – 3200
वारंगल – 3400
करीमनगर – 3400
सिद्दीपेट – 3350
सदाशिवपेट – 3230
आदिलाबाद – 3650
हैदराबाद – 3200
कर्नाटक
धारवाड़ – 3100
हुबली – 3160
रानेबेन्नूर – 2700
कोप्पल – 3150
कराटागी – 3100
रायचूर – 3250
बेलहोंगल – 3000
आंध्र प्रदेश
अडोनी – 3500
गुंटूर – 3610
कपास का भाव (धुली हुई)(रुपये/क्विंटल)
अकोला – 1385
अमरावती – 1380
️सांगली – 1380
️धूलिया – 1380
️नांदेड़ – 1370
️बीड – 1365
️जालना – 1370
️लातूर – 1370
️हैदराबाद – 1370-90
️काडी – 1400
️राजकोट – 1395
हरियाणा – 1390
कपास की रिपोर्ट
देश की प्रमुख एग्रो कमोडिटी एजेंसी स्मार्ट इनफो के अनुसार मंगलवार को अकेले तमिलनाडू से 10 हजार गांठों की आवक हुई है, जबकि कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से मात्र 1500 गांठों की आवक दर्ज हुई है। देशभर की मंडियों में कपास का भाव गिरावट की तरफ बढ़ रहा है और पिछले एक महीने में लगभग 2 हजार रुपए और उत्तर भारत में लगभग 4 हज़ार रुपए प्रति क्विटल की गिरावट आ चुकी है।
मध्यप्रदेश में 29 एमएम 75 आरडी रुई का भाव 87800 रुपए तक अधिकतम बोला जा रहा है। 30 एमएम रूई का भाव यहां 91 हजार तक दर्ज किया गया है । अलवर, खैरथल, बहरोड लाइन पर रूई की मांग कम है। इसलिए यहां 28.5 एमएम रूई का भाव 85500 रुपए प्रति कैंडी (356 किलो) बोला जा रहा है।
महाराष्ट्र में कच्चे कपास का भाव 1000 प्रति क्विंटल नीचे आ चुका है और बाजार 11500 रुपए प्रति क्विंटल तक दिखाई दे रहा है। यहां 30 एमएम रूई 90 हजार रुपए तक कारोबार दिखा रही है। अकोला में 29 एमएम रूई का भाव 86 हजार रुपए बोला गया है। कर्नाटक में आवक शून्य है और 30 एमएम रूई 94 हजार रुपए पर कारोबार कर रही है। उड़ीसा में इसी रुई का भाव 93500 रूपए तक बोला जा रहा है। गुंटूर में 30 एमएम रूई 87 हजार रुपए प्रति केंडी और वारंगल में 90 हजार रुपए के स्तर पर रेट दर्ज हुआ है।
उत्तर भारत की मंडियों में नरमा का भाव अब 9200 रुपए से लेकर 9800 रुपए प्रति क्विंटल तक दिखाई दे रहा है। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में बिजाई इस बार कुछ कमजोर है और कुछ क्षेत्रों से गुलाबी सूंडी के प्रकोप के भी समाचार आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बिजाई बहुत अधिक बढ़ती हुई दिखाई नहीं दे रही है, इसलिए नए सीजन में कपास का भाव पिछले साल की तरह एमएसपी से काफी ऊंचा रह सकता है।