दसवीं शोधयात्रा साल 2018
दसवीं शोध यात्रा जो मैंने 13 जून 2018 को ग्वालियर मध्यप्रदेश से शुरू की थी और मैं पैदल चलते चलते 21 जून 2018 को मैं अलवर पहुंचा था और मेरी मुलाकात भाई विपिन योगी जी से हुई थी जो युवा गौ विज्ञानी थे और गाय आधारित इकॉनमी पर शोध कर रहे थे सोशल मीडिया में गौ आधारित अर्थव्यवस्था की बातें मैं अक्सर पढ़ता सुनता था लेकिन कभी असली कलाकार से नमस्ते नही हुई थी। 21 जून की रात दस बजे विपिन भाई मिले और बताया के MBA की पढ़ाई पुणे के प्रतिष्ठित कालेज से की है
कैसे मिली आगे बढने की प्रेरणा
विपिन योगी जी बताया कि भाई राजीव दीक्षित जी की प्रेरणा से गाय और गौ आधारित इकॉनमी की ओर उनका मन आकर्षित हो गया । माता पिता दोनो सरकारी लेक्चरर थे सो उन्हें अपने जीवन से प्रयोग करने की आजादी मिल गयी। घर पर खेत जमीन गाय कुछ भी नही था, जान पहचान में लिंक निकाले गए और देसी गाय पालकों की खोज की गई।
बिजनस प्लान की तैयारी
विपिन भाई ने अपने बुध्दि कौशल से अपना बिजनेस प्लान तैयार किया जिसमें गौपालक को 35 रुपये लीटर दूध और गाय के नाटने के बाद 10 रुपये लीटर गौमूत्र खरीदने की गारंटी दी गयी। लक्ष्य बस एक ही था वैदिक रीति से घी बनांना और अपने घर की छत पर घी बनाने का उपक्रम करना।
कैसे शुरू हुआ घी बनना ?
विपिन के पिता जी का संबंध हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक गांव से था उन्होंने बचपन मे घी बनाने वाले बड़े बड़े हारे देखे हुए थे सो अपने पुरातन ज्ञान को आधार बना कर पिता जी ने हारे बना दिये। फिर नज़दीक के कस्बे रामगढ़ जहां के मिट्टी के बर्तन मशहूर हैं वहां से कुम्हारों से निवेदन करके पुराने डिज़ाइन के दूध गर्म करने के बर्तन बनवाये। दूध को हारे पर गर्म करके सुबह से शाम तक ये मोटी मलाई वाला बनाया जाता है। फिर उसे मथने के लिए भी विपिन भाई ने इलेक्ट्रिकल मथानी के साथ वाशिंग मशीन का इलेक्ट्रॉनिक ब्रेन वाला चिप सेट लगा दिया जिससे एक राउंड क्लॉक वाइज दूसरा राउंड एन्टी क्लॉक वाइज वाला सिस्टम सेट हो गया मक्खन निकाल कर हारे में ही वैदिक रीति से घी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी
मुश्किलों से कैसे पाया पार ?
विपिन बताते हैं कि प्रारंभिक दौर में उन्होंने कितना घी जलाया है वो उनका दिल हो जानता है। प्रक्रिया और तापमान ही सेट नही बैठ रहे थे। फिर अभ्यास के बल पर बात उनकी समझ मे बैठ गयी और उनके हाथ जीवन चलाने हेतु माया कमाने की कुंजी लग गयी। इसके साथ ही इन्होंने गौमूत्र अर्क बनाने के लिए जो डिस्टिलेशन यूनिट बनाई उसे। चालू करने में जब पहली बार दस लीटर गौमूत्र से अर्क बनांना शुरू किया तो 1000 लीटर पानी लग गया, उसके बाद कूलर के पम्प की मोटर के इस्तेमाल के साथ उन्होंने पानी को रीसायकल करने की विधि खोज ली। आज विपिन भाई एक कामयाब स्वरोजगारी गौ वैज्ञानिक हैं जिनके अलवर शहर में बहुत सारे चाहने वाले हैं
एक सुनहरा भविष्य
अभी विपिन भाई की उम्र मात्र 25 वर्ष है और उन्हें महृषि वाग्भट्ट और पतंजलि के बाहत सारे प्रैक्टिकल सूत्र याद है। इनकी कामयाबी का एक ही राज है प्रैक्टिकल करके देखना। एक दिन इन्होंने कहीं सुन लिया के अमरीका और चीन ने गौमूत्र पर पेटेंट्स लिए हैं। उसीदिन से ये उन पटेंट्स की खोज में जुट गए और पांचों पेटेंट्स जिसमे 4 अमरीका और 1 चीन का था खोज निकाला। अपनी प्रयोगशाला में इन्होंने दीवारें गाय के गोबर से लिपाई करवाई हैं जो बहुत ठंडी रहती हैं। गौविज्ञानी विपिन योगी बताते हैं के जो गाय दूध देना बंद कर चुकी हो उसका मूत्र बेशकीमती होता है और दूध के भाव भी मिल जाये तो सस्ता है।
साथ मिला देवेन्द्र का
विपिन भाई को एक और सहयोगी मिले हैं भाई देवेंद्र जी जो कि अल्ट्राटेक सीमेंट में बतौर मैनेजर कार्यरत हैं दोनो ने मिलकर शालीमार कालोनी की जमीन पर हर्बल पार्क बनाया है जिसमे दुर्लभ जडी बूटियां लगाई हैं। विपिन बताते हैं के 10 लीटर गौमूत्र जो कि 100 रुपये का मोल लेकर आते हैं किसान से उसको आसवन विधि से गुजार कर कुछ ही घण्टों में 2500 रुपये का अर्क तैयार होता है। अलवर शहर में इस अर्क की बहुत डिमांड है।
जुड़ें गौ विज्ञानी विपिन योगी से
गौ विज्ञानी विपिन योगी से जुड़ने के के लिए इस लिंक पर क्लिक करके उनसे फेसबुक में जुड़ा जा सकता है । इसके अलावा उनसे फोन पर सीधे बात करने के लिए 09799912329 पर बात कर सकते हैं। आज ही मैंने दो वर्षों के बात विपिन भाई से बात की और अपडेट लिया तो उन्होंने बताया कि वो अपना काम बढाने के लिए एक भूमि का टुकडा ले चुके हैं और वहां पर साड़ी व्यवस्थाएं विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं । अभी वे ऑनलाइन डिलीवरी नही कर रहे हैं। जो साथी गाय का शुद्ध देसी घी और अर्क प्राप्त करना चाहते हैं उनसे निवेदन है कि वे विपिन भाई से सीधे सम्पर्क करें।
बिलौना घी घर बैठे कैसे प्राप्त करें ?
विपिन भाई की तरह कुछ अन्य गौपालक गाय का शुद्ध देसी घी जो बिलौना विधि से तैयार करते हैं जो प्रसिद्द वेबसाइट अमेजन पर उपलब्ध है नीचे दिए गये चित्र पर क्लिक करके सभी विकल्पों को देखा जा सकता है और अपनी मनपसंद के विकल्प पर ऑनलाइन पेमेंट करके घी को अपने घर तक मंगवाया जा सकता है
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