तावडू मंडी में बाजरा की बंपर खरीद Millet Crop in Taoru

बाजरे के भाव को लेकर किसानों ने रखी मांग

हरियाणा में तावडू (नूंह) नई अनाजमंडी में इस साल बाजरे की आवक जमकर हो रही है। जिससे मंडी व्यापारियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं किसान भी बाजरे की अच्छी फसल से काफी खुश हैं। हरियाणा के नूंह में (millet crop in Nuh) इस बार बाजरे की फसल अच्छी होने से व्यापारी मंडी से बाजरे की फसल को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं, जिससे किसानों में खुशी है। किसानों की मांग है कि सरकार उनकी फसल को पिछली बार की तरह अच्छे भाव में खरीदकर उनकी मदद करे।

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तावडू उपमंडल बाजरा (Millet) सबसे बेहतर

यूं तो बाजरा हरियाणा के कई क्षेत्रों में पैदा होता है, परंतु तावडू उपमंडल का बाजारा अच्छी क्वालिटी का माना जाता है। इस क्षेत्र में हालांकि बारिश इस बार कम हुई। फिर भी यहां का बाजरा अपना डंका पहले की तरह ही बजा रहा है।

बाजरे का MSP (MSP of Millet)

पिछले साल बाजरे का MSP 2250 रु था और इस बार सरकार ने MSP 2350रु घोषित किया हुआ है, परंतु सरकारी खरीद सितंबर महीने के पहले कुछ दिन तक जब शुरू नहीं हुई थी, तब किसानों को अपना बाजरा 1900रु से लेकर 2000रु प्रति क्विंटल बेचना पड़ रहा था। पिछले साल भी सरकारी खरीद से पहले व्यापारियों ने किसानों से 1500रु से लेकर 1600रु क्विंटल खरीद लिया था, तब सरकार ने भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpayee Yojana Haryana) के तहत 600रु प्रति क्विंटल किसानों को दिए थे। इस बार भी किसान इसी तरह की मदद की उम्मीद हरियाणा सरकार से लगाए हुए हैं।

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भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpayee Yojana Haryana)

इस योजना के तहत किसानों को फसल में हुए घाटे की पूर्ति के लिए मुआवजा दिया जाता है। घाटे की पूर्ति के लिए शुरू की गई योजना को भावांतर भरपाई योजना कहा जाता है। इसकी शुरुआत 30 दिसम्बर 2017 को की गयी थी। बता दें की इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार सभी बागवानी उत्पादक किसानों को मंडी में उनके द्वारा उत्पादन किये गए फल और सब्जी की कम कीमत मिलने पर उसकी भरपाई करेगी। जिससे किसानों को किसी प्रकार का नुकसान न हो। इससे किसानों को बहुत राहत मिलेगी क्यूंकि काफी बार उन्हें अपनी मेहनत के अनुसार फसल के सही दाम नहीं मिल पाते। जिस बात का ध्यान रखकर सरकार ने इस योजना को शुरू किया ताकि जितना भी किसानों को कीमत में हुई कमी के कारण नुक्सान हुआ हो सरकार उसकी भरपाई कर सके। इस के लिए किसानों को अपना पंजीकरण BBY ई-पोर्टल पर करना होगा।


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तावडू मंडी में सितंबर में हुई बाजरे की खरीद

पहले दिन 1 सितंबर को 500 क्विंटल, दूसरे दिन 2 सितंबर 1000 क्विंटल और 3 सितंबर को 1500 क्विंटल बाजरा व्यापारियों द्वारा खरीदा गया। 2044 क्विंटल 4 सितंबर को जिससे वह समय से पहले ही 3226 क्विंटल, 5 सितंबर को 4227 क्विंटल, 7 सितंबर को 4227 क्विंटल, 8 सितंबर को बाजरे की सरकारी खरीद की 5509 क्विंटल व 9 सितंबर को जाए ताकि उन्हें फसल का अच्छा लगभग 5285 क्विंटल, 4307 दाम मिल सके। मार्कीट कमेटी क्विंटल व 11 सितंबर को सचिव मोहन जोवल ने बताया कि 1 सितंबर से 11 सितंबर तक बाजरे की आवक लगभग 38 हजार क्विंटल हो चुकी थी।

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किसानों की मांग

तावडू मंडी में इस बार बाजरे की अच्छी पैदावार के साथ अच्छी गुणवत्ता भी बताई जा रही है। किसानों का कहना है कि जिस तरह बीते साल सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत 600 रुपए प्रति क्विंटल मदद की थी, इस बार भी किसानों की मदद करनी चाहिए।

86 मंडियों में होगी बाजरे की खरीद

हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक सुजान सिंह ने कहा कि खरीफ की फसलों की सरकारी खरीद को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 17 जिलों की 86 मंडियों में बाजरे की खरीद की जाएगी। इसके अतिरिक्त मूंग की खरीद के लिए 16 जिलों में 38 खरीद मंडी बनाई गई है। मुख्य प्रशासक शनिवार को रेवाड़ी स्थित नई अनाज मंडी में फसल खरीद की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि बाजरे की सरकारी खरीद हर साल एक अक्टूबर से शुरू की जाती है। इस बार किस तारीख से खरीद शुरू की जाएगी इसकी जानकारी भी एक सप्ताह के भीतर दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मंडी में फसल बेचने आने वाले किसानों व श्रमिकों के लिए विभाग की तरफ से चलाई जा रही अटल सेवा कैंटीनका इस वर्ष और विस्तार किया जाएगा। प्रदेश की 15 और मंडियों में अटल कैंटीन बनाई जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश की चालीस मंडियों में अटल कँटोन की व्यवस्था हो जाएगी।

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