नंदीशाला (Nandishala) में गाय को केक खिलाकर मनाते हैं हैप्पी बड्डे और एनिवर्सरी

Nandishala में गौ माता को केक खिलाकर टोहाना में परिवार मना रहे हैं खुशियां

शिव नंदीशाला टोहाना बन रही है मॉडल गऊशाला

धर्मपाल सैनी जी टोहाना में शिव नंदीशाला (Nandishala) का संचालन करते हैं। 6 साल में नंदीशाला के संचालकों ने इसकी काया ही पलट कर रख दी है। इस शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि इन्होंने इस गौशाला को बिल्कुल नए आइडियाज के साथ अपटूडेट किया हुआ है। इसमें गोवंश के लिए जन्मदिन, शादी की सालगिरह आदि पर विशेष तौर पर नंदीशाला में तैयार किया हुआ गो ग्रास केक गाय को खिलाया जाता है। अभी चल रहे श्राद्धों में एक मीठी रोटी गाय को इन दिनों काफी सफल हो रहा है। इसके अलावा कीचन गार्डन में औषधियों के पौधे बिक्री किए जाते हैं। यहां पर उत्तम क्वालिटी की नंदी बायोकम्पोस्ट खाद भी मिलती है और बच्चों के लिए पढ़ने की व्यवस्था के तौर पर लाइब्रेरी एवं बुक बैंक भी बनाया हुआ है। रैन बसेरा में रात को फ्री में रूकने की व्यवस्था है।

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शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) के संयोजक धर्पमपाल सैनी जी ने लिखा है कि-“शिव नंदीशाला टोहाना में गऊमाता के लिए गौ मिष्ठान केक की व्यवस्था है। हम अपने लिए तो केक काटते हैं। आइये! इस बार गौवंशों के लिए केक काटें।” धर्मपाल जी की अपील का फतेहाबाद जिले में काफी असर हुआ है और लोगों को रूझान धीरे-धीरे इसकी तरफ बढ़ने लगा है।

आत्मनिर्भर एवं यूनिक नंदीशाला (Nandishala)

नंदीशाला (Nandishala) अलग-अलग प्रयोगों के माध्यम से खुद को आत्मनिर्भर बनाने के भरसक प्रयास कर रही है और गोवंश के प्रति समाज में संवेदनशीलता को बढ़ा रही है। गोवंश के प्रति समाज का ध्यान आकर्षित करने के लिए भी अनेक तरह के इनोवेटिव आइडियाज पर काम किया जा रहा है, ताकि समाज गोवंश के प्रति जिम्मेदारी को महसूस कर सके।

गौ मिष्ठान केक गऊ ग्रास केक (Cow Grass Cake)

गो ग्रास केक बनाने की विधि यह है कि पहली लेयर हरी घास की एक फुट की तैयार की जाती है। उसके बाद दूसरी लेयर में तूड़ी को फिगोकर लगाया जाता है। तीसरी लेयर आटे के हलवे की बनाई जाती है और इस पूरे केक की बाउंडरी और साज-सज्जा गुड़ के साथ की जाती है। इस केक की कीमत 1100 रखी गई है। बाकी श्रद्धा अनुसार कोई ज्यादा देना चाहे तो दे सकता है।

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नंदी सफारी (Nandi Safari) की यात्रा

Nandi Safari

टोहाना की शिव नंदीशाला में नंदी की सफारी यात्रा शुरू की हुई है। इस सफारी में कार के अगले हिस्से में बैल को जोड़ा गया है। जो व्यक्ति भ्रमण करना चाहते हैं वो नंदीशाला में आकर भ्रमण कर सकते हैं। इसके लिए मात्र 10रु सहयोग शुल्क रखा गया है।

लंपी वायरस के वैक्सिनेशन (Lumpy Virus Vaccination) की शुरूआत

25 अगस्त 2022 को एसडीएम अनिल कुमार दून ने लंपी वायरस नामक बीमारी की रोकथाम के लिए गऊ ग्रास केक काटकर वैक्सीनेशन की शुरूआत की थी।

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लाइब्रेरी और बुक बैंक Library and Book Bank

Library and Book Bank

शिव नंदीशाला गो सेवा के साथ-साथ अब मानव सेवा के काम करने के लिए अपनी एक अलग एवं खास पहचान बना चुकी है। नंदीशाला में बच्चों के लिए महात्मा ज्योतिबाफूले लाइब्रेरी और बुक बैंक बनाया गया है। जिसमें शहर के बच्चे सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर शाम सात बजे तक पढ़ सकते हैं। टोहाना की यह नंदीशाला पूरे प्रदेश के लिए मॉडल बन चुकी है।

एक मीठी रोटी गाय की

Mitthi Cow Roti

यूं तो सदियों से घरों में पहली रोटी गाय की बनती आ ही रही है, परंतु शिव नंदीशाला (टोहाना) ने श्राद्धों में एक नई पहल की है। श्राद्धों में ब्राह्मणों एवं पक्षियों को जीमाने की परंपरा तो है ही। अब नंदीशाला ने नई मुहिम चलाई है- श्राद्धों में एक मीठी रोटी गाय को। यह मीठी रोटी नंदीशाला (Nandishala) में ही तैयार की जाती है। जिसकी जितनी श्रद्धा हो तो उतनी रोटी गाय को खिला सकता है। एक रोटी की कीमत 15रु रखी गई है। श्रद्धालु श्रद्धा अनुसार 1 रोटी से लेकर 51, 101 एवं 201 रोटी तक खिलाने आते हैं। इन दिनों लंपी बीमारी के कारण इन रोटियों में हल्दी और काली मिर्च विशेष तौर पर मिलाई जाती है।

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कीचन गार्डन में मिलते हैं औषधिय पौधे

Kitchen Garden

शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) में आने वालों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र कीचन गार्डन भी बना हुआ है, क्योंकि इस कीचन गार्डन में औषधीय पौधे नर्सरियों से कम रेट में मिल जाते हैं। इन औषधियों में लोंग, इलायची, काली मिर्च, करी पत्ता, तेज पत्ता व गर्म मसाला आदि के पौधे मिलते हैं। इन पौधों की बिक्री से नंदीशाला को आर्थिक सहायता मिल जाती है।

खाद के 5 किलो पैकट की बिक्री

Khaad

शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) छोटे-छोटे प्रयोगों के माध्यम से खुद को आत्मनिर्भर बनाने के साथ समाजहित के कार्यों में भी बढ़-चढ़कर सक्रिय भूमिका निभा रही है। गौवंश के गोबर से कम्पोस्ट खाद तैयार करके 5 किलो की पैकिंग के जरिए किचन गार्डनिंग के माध्यम से बेची जाती है। 20रु किलो के हिसाब से यह बैग 100रु बिक जाता है। खाद बनाने के लिए गोबर के बैड बनाकर उन पर सूखे पत्तें एवं सब्जियों की लेयर लगाई जाती है। गोबर पर जीवामृत का छिड़काव करके खाद तैयार की जाती है।

नंदी पक्षी विहार

Pakshi Vihar

शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) में छोटे पशु एवं पक्षियों के प्रांगण में घूमने पर अलग ही आनंद मिलता है।

नंदी फिनाइल और नंदी हवन समिधा

Phenyl

शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) द्वारा फिनाइल तैयार किया जाता है और हवन के लिए समिधा का भी प्रबंध है।

नंदी रैन बसेरा

Rain Basera

शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) में एक रैन बसेरा का निर्माण भी किया गया है, वहां पर रात को रूकने एवं खाने की विशेष व्यवस्था की गई है। शिव नंदीशाला (Shiv Nandishala) एक प्रयोगधर्मी गौशाला तो है ही बल्कि सभी शहरों में इसकी तर्ज पर गौशालाएं बनाई जा सकती हैं। जो पूरी तरह आत्मनिर्भर बनेंगी और निश्रारित गौवंशों के लिए खाने एवं रहने की साफ-सुथरी व्यवस्था स्थापित कर सकेंगे।

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