भारत में जैविक खेती और निर्यात

मूल आलेख FIEO News, May 2021 पेज संख्या 26-27 ,

अनुवाद : कुलदीप, रितिका ,अशोक,सुमित, इंटर्न्स, 5वां बैच,किसान अकादमी

नई दिल्ली स्थित फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्टर आर्गेनाईजेशन ने 26 मार्च 2021 को एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया जिसमें भारत से जैविक खाद्यानों के निर्यात के अवसर और रणनीति विषय पर बोलते हुए अर्थशास्त्री डॉ देबेश रॉय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जैविक खाद्यानों के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है | इसके लिए जो योजनायें चलाई जा रही हैं उनका विवरण इस प्रकार है :

  1. परम्परागत कृषि विकास योजना (पी.के.वी.वाई.)
  2. नेशनल प्रोजेक्ट ऑन आर्गेनिक फार्मिंग (एन.पी.ओ.ऍफ़.)
  3. नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर
  4. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
  5. नेशनल फ़ूड सिक्यूरिटी मिशन
  6. नेशनल मिशन फॉर नार्थ ईस्ट एंड हिमलायन स्टेट्स
  7. नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन

भारत से निर्यात किये जाने वाले जो दस मुख्य उत्पाद हैं वो इस प्रकार है : प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ ,तिलहन, अनाज,मोटे अनाज , मसाले,सुगन्धित पदार्थ ,सूखे मेवे ,चीनी, जड़ी बूटियाँ और कॉफ़ी आदि हैं | डॉ रॉय ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मार्किट में प्रवेश पाने में आर्गेनिक सर्टिफिकेशन और स्टैंडर्ड्स की महत्वपूर्ण भूमिका है |

जैविक उत्पादों के वैश्विक व्यापार में निर्यातक देशों द्वारा अपनाए गये स्टैंडर्ड्स और प्रोसिजेर्स की आयातक देशों द्वारा प्रदान की गयी मान्यता निर्णायक भूमिका तय करती है |

साल 2020 तक दुनिया में 72 देशों जिनमें भारत भी शामिल है ने जैविक खेती नियामकों को पूरी तरह से लागू कर दिया है| डॉ रॉय ने बताया कि आर्गेनिक एक्सपोर्ट में आर्गेनिक उत्पादों की उपलब्धता के अलावा तेजी से पोर्ट तक पहुंचने के लिए सडक और रेल नेटवर्क के साथ आर्गेनिक क्लस्टर और आर्गेनिक एक्सपोर्ट ज़ोन की भी आवश्यता होती है |

गुजरात जैविक विश्वविधालय के उपकुलपति डॉ बी.आर. शाह ने बताया कैसे जैविक खाद्यानों का उत्पादन बिना किसी सिंथेटिक रसायनों का प्रयोग किये बिना किया है ,इनके उत्पादन में किसी प्रकार के रासायनिक खाद ,कीटनाशी और जेनेटिकली मोड़ीफाईड ओर्गनिज्म का प्रयोग नही होता है |

साल 2019 के आंकड़े देते हुए उन्होंने बताया कि जैविक उत्पादों का वैश्विक बाज़ार 106 बिलियन यूरो का था जिसमें यू.एस.ए. ने 44.7 बिलियन यूरो और जर्मनी ने 12.0 यूरो और फ़्रांस ने 11.3 यूरो के जैविक उत्पाद आयात किये |

डॉ रॉय की बात का समर्थन करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि को व्यक्ति जैविक खाद्यानों के व्यापार में उतरना चाहता है तो उसकी पूरी वैल्यू चैन सर्टिफाइड होनी चाहिए | निर्यात करने के लिए कुछ मुख्य बिंदु हमेशा मन में रखने चाहियें वो इस प्रकार हैं :

  1. जिस देश में निर्यात करने जा रहे हैं उसकी पूरी समझ
  2. जैविक उत्पादों का ट्रांजेक्शन सर्टिफिकेट अवश्य लें
  3. साफ़ सफाई और कीड़े मकौडों पर पूरा नियंत्रण रखें
  4. फाइटो सैनिटरी सर्टिफिकेट अवश्य लें
  5. इंटरनल कण्ट्रोल सिस्टम पर पूरा फोकस रखें
  6. कच्चे माल की बजाये प्रसंस्कृत खाद्य को एक्सपोर्ट करने का प्रयास करें

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट के एक्सटेंशन एजुकेशन विभाग के डायरेक्टर डॉ श्रवण राज ने कहा कि कृषि सेक्टर में लगभग 15% उत्पदान अतिरिक्त है| इस क्षेत्र में नये स्टार्टअप्स भी आ रहे हैं जिन्हें हमारा संस्थान MANAGE सपोर्ट भी कर रहा है| अभी तक कोई 400 से 500 स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं लेकिन इस डोमेन का पूरा ज्ञान ना होना एंटरप्रेन्योर्स के लिए एक बड़ी चुनौती है | हमें जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग पर ध्यान देना चाहिए तभी हम इस सेक्टर से अधिक आय अर्जित कर पाएंगे |

फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्टर आर्गेनाइजेशन के क्षेत्रीय चेयरमैन श्री सुशील पटवारी ने कहा कि अभी भारत में आर्गेनिक सेक्टर अपने प्रारंभिक चरणों में ही है जैसे जैसे दुनिया में सेहत सम्बंधित विषय पर जागरूकता बढ़ रही अहि वैसे वैसे जैविक खेती और उत्पादों के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है

समय के साथ भारत अपनी खेती के बारे में गूढ़ समझ और ज्ञान के बलबूते पर दुनिया का प्रमुख जैविक उत्पाद निर्यातक देश बन जाएगा | दुनिया के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो भारत जैविक खेती के अंतर्गत आनेवाली भूमि के मामले में दुनिया में आठवें नम्बर पर और जैविक किसानों के मामले में पहले नम्बर पर स्थान रखता है|

भारत से जैविक उत्पादों का निर्यात मुख्यत: अमरीका ,योरोपीय यूनियन ,कनाडा ,स्विटज़रलैंड ,ऑस्ट्रेलिया,जापान,इजरायल,दुबई,न्यूजीलैंड और वियतनाम आदि देशों को किया जता है| पूरी दुनिया के 30% जैविक किसान भारत में रहते हैं |भारत में जैविक खेती करने वाले राज्य मध्यप्रदेश ,उत्तरप्रदेश और राजस्थान हैं | सिक्किम भारत का पूर्णतया जैविक सर्टिफाइड राज्य है जो साल 2015 से पूरे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दे रहा है |

वैश्विक महामारी के इस दौर में भारत से जैविक उत्पादों के निर्यात में बढौतरी आई है | साल 2019 में 453622 किसान पी जी एस व्यवस्था के तहत जैविक खेती कर रहे थे जबकि दस लाख चौदह हज़ार किसान थर्ड पार्टी आर्गेनिक सर्टिफिकेशन के तहत पंजीकृत थे|

फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्टर आर्गेनाईजेशन के द्वारा आयोजित अपनी तरह इस इस पहले और इन्नोवेटिव सेशन को पूरे भारत से प्रतिभागियों के द्वारा सराहा गया और बहुत सारे सुझावों को आगे भी भेजा गया | एक महत्वपूर्ण सुझाव यह भी था कि जैविक खेती करने वालों और खरीदारों को एक मंच पर ला कर उनका संवाद आयोजित काराया जाना चाहिए |

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