पशुपालकों के लिए IDF World Dairy Summit 2022 लाया है बड़ी सौगात

पीएम नरेंद्र मोदी 12 सितंबर 2022 को करेंगे उद्घाटन

यह समिट IDF World Dairy Summit 2022 वैश्विक, भारतीय डेयरी उद्योग के नेताओं, विशेषज्ञों, किसानों और नीति योजनाकारों का एक ऐसा समूह है, जो ‘पोषण और आजीविका’ के लिए डेयरी’ विषय पर फोकस करता है और इससे संबंधित संभावनाओं एवं चुनौतियों को लेकर विचार-विमर्श भी करता है।

1974 के बाद लगभग 48 साल बाद वर्ल्ड डेरी समिट 2022 (IDF World Dairy Summit 2022) का आयोजन होने जा रहा है। भारत द्वारा 1974 में अंतर्राष्ट्रीय डेयरी कांग्रेस की मेजबानी के 48 साल बाद आयोजित किया जा रहा है। समिट में देश और विदेशों से वीआईपी मूवमेंट होगी। वर्ल्ड डेरी समिट के लिए विश्व के 800 किसान – पशुपालकों ने पंजीकरण करवाया है। समिट में 8 केंद्रीय मंत्री भारत सरकार के, 3 प्रदेशों के मुख्यमंत्री शिरकत करेंगे। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आज नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया

यह खबर डेयरी किसानों के लिए बड़ी सौगात लेकर आई है। वहीं दूसरी तरफ IDF World Dairy Summit 2022 का पीएम नरेंद्र मोदी 12 सितंबर को उद्घाटन करेंगे। इस इवेंट में 40 देश के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अब तक विभिन्न देशों के 1500 प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन किया है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, न्यूजीलैंड और बेल्जियम शामिल है।

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IDF World Dairy Summit 2022 में भारत में पाई जाने वाली 25 विशेष नस्ल की गायों का होगा बखान

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में 12 से 15 सितंबर तक आयोजित होने वाले वर्ल्ड डेरी समिट में भारतीय नस्ल की गायों की विशेषताओं का बखान विश्व के 50 देशों के प्रतिनिधियों के सामने होगा। इस समिट की खासियत यह होगी कि यहां कार्यक्रम स्थल के कक्षों का नाम गायों की नस्ल के नाम पर रखा गया है।

विश्व डेरी उद्योग में भारत का योगदान लगभग 23% है। जिसमें 8 करोड़ डेयरी किसान सालाना 210 मीट्रिक टन का उत्पादन करते हैं। डेरी उद्योग में भारत में पाई जाने वाली देसी नस्ल की गायों का विशेष योगदान माना जाता है। देश में 25 से अधिक विशेष नस्ल की गाय पाई जाती हैं। इसमें प्रमुख रूप से थारपारकर, गिर, राठी, साहीवाल, लाल सिंधी, देवनी, नागौरी और मालवी हैं। गिर भारत की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और दूध देने वाली सबसे पॉपुलर नस्ल है। यह गुजरात के गिर वन क्षेत्र और महाराष्ट्र, राजस्थान के आसपास के जिलों में पाई जाती है। गिर गाय का दुध अच्छी गुणवत्ता का माना जाता है। क्योंकि इसके दूध में सोने के तत्व अधिक होते हैं, जोकि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इस गाय की विशेषता को देखते हुए कार्यक्रम स्थल के मुख्य हाल का नाम गिर रखा गया है। कार्यक्रम में लगभग सात हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में प्रदर्शनी का आयोजन होगा और डेयरी क्षेत्र की संभावनाओं एवं चुनौतियों को लेकर चर्चा होगी।

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चार-प्रसार के साथ जागरूकता पर रहेगा फोकस

पोस्टर व वीडियो के माध्यम से गाय की प्रजाति और उसकी विशेषताओं के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी दी जाएगी। चार दिवसीय कार्यक्रम में 150 भारतीय व विदेशी विशेषज्ञों का पैनल भी होगा।

पियर क्रिस्टियानो ब्राज़ील (Piercristiano Brazzale), अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय डेयरी संघ (आईडीएफ), सु कैरोलिन एमोंड, महानिदेशक, आईडीएफ, जतिंदर नाथ स्वाईन (Jatinder Nath Swain), भारतीय राष्ट्रीय आईडीएफ समिति (आईएनसी-आईडीएफ) के अध्यक्ष और सचिव, डीएएचडी और मीनेश शाह, सचिव, INC-IDF और अध्यक्ष, NDDB इस आयोजन का समन्वय करेंगे।

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अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ द्वारा आयोजित होने वाले विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन 2022 (IDF World Dairy Summit 2022) की चार दशक बाद भारत मेजबानी कर रहा है और इसका मुख्य लक्ष्य यही है कि डेयरी प्रोडक्शन को वैश्विक स्तर पर किस तरह बढ़ाया जा सकता है। दरअसल पोषण और आजीविका के लिए डेयरी विषय के तहत, डब्ल्यू 2022 कार्यक्रम में कई वैज्ञानिक, तकनीकी, व्यावसायिक और विपणन सत्र शामिल किए गए हैं। ताकि आपसी विचारों के आदान-प्रदान से डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को फायदा मिल सके। जिसमें दुनियाभर के डेयरी विशेषज्ञ, नेता और इच्छुक हितधारक डेयरी क्षेत्र के बारे में जुड़ेंगे, सीखेंगे और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

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