किसान भाइयों नमस्कार
बीती एक जनवरी को भारत के प्रधानमन्त्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसान उत्पादक संगठनों के साथ सीधे संवाद किया जिसमें 351 किसान उत्पादक संगठनों ने भाग लिया ।
सीधे संवाद की पहल
जमीनी स्तर के किसानों को सशक्त बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता और संकल्प के अनुरूप, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की 10वीं किस्त जारी की। इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अंतरित की गई। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने लगभग 351 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 14 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी अनुदान भी जारी किया। इससे 1.24 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने एफपीओ से बातचीत की। केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, कृषि मंत्री एवं किसान इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।
उत्तराखंड के FPO से बातचीत
उत्तराखंड के एफपीओ के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने उनके द्वारा जैविक खेती को अपनाए जाने तथा जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के तरीकों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने एफपीओ के जैविक उत्पादों के विपणन के बारे में भी बात की। एफपीओ ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि वे जैविक खाद की व्यवस्था किस प्रकार करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि प्राकृतिक और जैविक खेती को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाए क्योंकि इससे रासायनिक उर्वरक पर निर्भरता कम होती है और किसानों की आय में वृद्धि होती है।
पंजाब के FPO से बातचीत
पंजाब के एफपीओ ने प्रधानमंत्री को पराली को बिना जलाए निपटाने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने सुपरसीडर और सरकारी एजेंसियों से मदद के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री की इच्छा थी कि पराली प्रबंधन के उनके अनुभव का हर जगह अनुकरण किया जाए।
राजस्थान के FPO से बातचीत
राजस्थान के एफपीओ ने शहद उत्पादन के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि नैफेड की मदद से एफपीओ की अवधारणा उनके लिए बहुत उपयोगी रही है।
उत्तरप्रदेश के FPO से बातचीत
उत्तर प्रदेश के एफपीओ ने किसानों की समृद्धि की नींव के रूप में एफपीओ बनाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने सदस्यों को बीज, जैविक खाद, विभिन्न प्रकार के बागवानी उत्पादों में मदद करने की अपनी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करने के बारे में भी चर्चा की। उन्हें ई-नाम की सुविधा का लाभ मिल रहा है। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने का वादा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के किसान का आत्मविश्वास देश का सबसे बड़ा सामर्थ्य है।
तमिलनाडू के FPO से बातचीत
तमिलनाडु के एफपीओ ने बताया कि नाबार्ड के समर्थन से, उन्होंने बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए एफपीओ का गठन किया और एफपीओ पूरी तरह से महिलाओं के स्वामित्व में संचालित है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि क्षेत्र में मौसम की स्थिति के कारण ज्वार का उत्पादन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति की सफलता उनकी अदम्य इच्छा शक्ति का संकेत है। उन्होंने किसानों से बाजरे की खेती का लाभ लेने को कहा।
गुजरात के FPO से बातचीत
गुजरात के एफपीओ ने प्राकृतिक खेती और गोवंश आधारित खेती के माध्यम से लागत घटाने और मिट्टी पर तनाव को कम करने के बारे में चर्चा की। इस अवधारणा से क्षेत्र के जनजातीय समुदाय भी लाभान्वित हो रहे हैं।
सबका साथ सबका विकास
देश ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। बहुत से लोग देश के लिए अपना जीवन खपा रहे हैं, देश को बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे काम पहले भी करते थे, लेकिन उन्हें पहचान देने का काम अभी हुआ है। उन्होंने कहा, “इस साल हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे। यह समय देश के संकल्पों की एक नई जीवंत यात्रा शुरू करने का है, नए हौसले से आगे बढ़ने का है।” सामूहिक प्रयास की शक्ति के बारे में विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “जब 130 करोड़ भारतीय एक कदम मिलकर उठाते हैं, तो यह सिर्फ एक कदम नहीं बल्कि 130 करोड़ कदम होता है।”
कृषि सेक्टर की उपलब्धियां
अर्थव्यवस्था के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कई मापदंडों पर भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड – पूर्व काल की तुलना में बेहतर दिख रही है। उन्होंने कहा कि “आज हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर आठ प्रतिशत से भी ज्यादा है। भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। जीएसटी संग्रह में भी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हुए हैं। हमने निर्यात और विशेषकर कृषि के मामले में भी हमने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।” उन्होंने कहा कि 2021 में 70 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन – देन यूपीआई से किया गया। आज भारत में 50 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। इनमें से 10 हजार स्टार्ट-अप तो पिछले छह महीने में बने हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से छोटे किसान सामूहिक शक्ति की ताकत को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने छोटे किसानों के लिए एफपीओ के पांच लाभों के बारे में बताया। इन लाभों में मोलभाव की बढ़ी हुई शक्ति, बड़े स्तर पर व्यापार, नवाचार, जोखिम प्रबंधन और बाजार के हिसाब से बदलने की क्षमता शामिल है। एफपीओ के लाभों को ध्यान में रखते हुए सरकार उन्हें हर स्तर पर बढ़ावा दे रही है। इन एफपीओ को 15 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। इसी वजह से, पूरे देश में जैविक एफपीओ, तिलहन एफपीओ, बांस क्लस्टर और शहद एफपीओ जैसे एफपीओ सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हमारे किसान ‘एक जिला, एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं और देश एवं वैश्विक स्तर के बाजार उनके लिए खुल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 11 हजार करोड़ रुपये के बजट वाले नेशनल पाम ऑयल मिशन जैसी योजनाओं से आयात पर निर्भरता कम हो रही है।
प्रधानमंत्री ने हाल के वर्षों में कृषि क्षेत्र में हासिल किए गए मील के पत्थर के बारे में बात की। खाद्यान्न उत्पादन 300 मिलियन टन तक पहुंच गया। इसी तरह, बागवानी और फूलों की खेती का उत्पादन 330 मिलियन टन तक पहुंच गया। दुग्ध उत्पादन भी पिछले 6-7 वर्षों में लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा। लगभग 60 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई (माइक्रो इरीगेशन) के अंतर्गत लाया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के रूप में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई, जबकि प्राप्त प्रीमियम सिर्फ 21 हजार करोड़ रुपये का ही था। महज सात वर्षों में इथेनॉल का उत्पादन 40 करोड़ लीटर से बढ़कर 340 करोड़ लीटर हो गया। प्रधानमंत्री ने बायो-गैस को बढ़ावा देने के लिए गोवर्धन योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोबर का मूल्य होगा, तो दूध नहीं देने वाले पशु किसानों पर बोझ नहीं होंगे। सरकार ने कामधेनु आयोग की स्थापना की है और डेयरी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है।