दालों के उत्पादन में देश होगा आत्मनिर्भर , केंद्र सरकार ने बनाई योजना

देश में दालों की मांग को पूरा करने के लिए भारत को 4 लाख टन अरहर, 0.6 लाख टन मूंग और लगभग 3 लाख टन उड़द का आयात करने की आवश्यकता पड़ती है |

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने आज जानकारी देते हुए बताया कि देश को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनानेके लिए बुवाई सत्र खरीफ 2021 से एक बड़ी योजना तैयार की है | राज्य सरकारों को साथ लेकर अरहर, मूंग, उड़द की बुवाई का रकबा बढ़ाने को लेकर रणनीति बनाई गयी है जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कराए जाने के लिए राज्यों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर काम शुरू किया जा रहा है |

अधिक उपज देने वाली दालों की किस्मों का प्रयोग इस योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है | यह बीज केन्द्रीय बीज एजेंसियों और राज्य सरकारों के बीज निगमों के माध्यम से किसानों को नि:शुल्क वितरित किय जायेंगे |

पिछले साल खरीफ 2020 की तुलना में इस साल खरीफ़ 2021 में लगभग दस गुणा अधिक मिनी बीज किट्स किसानों को नि:शुल्क वितरित किये जायेंगे | 20,27,318 मिनी बीज किट्स जिनका अनुमानित मूल्य 80.1 करोड़ रुपये है को किसानों में वितरित करने की तैयारी चल रही है |

यह पूरा खर्च केंद्र सरकार देश को अरहर उड़द और मूंग दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्च करेगी

योजना का प्रारूप :

क्रमांक दाल राज्य कुल जिले
1. अरहर आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश।187
2.मूंगआंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु,  तेलंगाना, और उत्तर प्रदेश हैं।85
3.उड़द आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश60

गौरतलब बात यह है कि देश में दाल का उत्पादन साल  2007-08 में 14.76 मिलियन टन था जो साल 2020-21 में बढ़ कर 24.42 मिलियन टन तक पहुंच गया है| देश के 11 राज्यों में दालों के उत्पादन पर फोकस रखने वाले 119 फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनियां भी बनाई गयी हैं |

आज देश में दालों के लगभग 24 राज्यों में 150 बीज उत्पादन केंद्र सक्रिय हैं जिन्हें 97 जिलों में में कृषि-विज्ञान केंद्रों, 46 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और 7 आई.सी.ए.आर. संस्थानों के साथ मिलकर स्थापित किया गया है|

केंद्र सरकार की यह योजना आयात के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और भारत को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ साथ किसानों के लिए एक बड़े मौके का निर्माण करेगी |

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