- मंडी भाव: सरसों का भाव 8,600 रुपये क्विन्टल पर पहुंचा, जानें मुनाफा जोड़ने के बाद कितने का पड़ता है एक लीटर सरसों कच्ची घानी तेल–
विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच आयात शुल्क घटाए जाने से कच्चे पॉम तेल और सोयाबीन तेल के भाव कुछ नरम बंद हुए। अन्य तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। त्योहारी मांग बढ़ने के बीच सलोनी, आगरा और कोटा में सरसों के भाव 8,500 रुपये से बढ़ाकर 8,600 रुपये क्विन्टल पर पहुंच गए, जिससे सरसों दाना में सुधार देखने को मिला। वहीं स्थानीय संयोगितागंज अनाज मंडी में सोमवार को चना कांटा 75 रुपये, मसूर 100 रुपये और तुअर (अरहर) के भाव में 200 रुपये प्रति क्विंटल की कमी शनिवार की तुलना में हुई। मसूर की दाल 50 रुपये प्रति क्विंटल सस्ती बिकी। आज नया मूंग खरगोन तरफ से आया। मुहूर्त में यह 7251 रुपये प्रति क्विंटल बिका।
- सरसों का सरकारी भाव क्या है?
- सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2021 के लिए 4650 रुपये प्रति क्विंटल रखा है |
- सरसों का तेल महंगा क्यों हो रहा है?
- केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया ने कहा कि पिछले साल भी सरसों की फसल अच्छी रही, लेकिन लॉकडाउन से मार्केट में सरसों की आवक कम हुई। इससे कीमतों में तेजी लगातार बनी है। चूंकि सरसों का तेल एंटीबॉडी है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी खपत ज्यादा बढ़ी।
- सरसों का भाव क्यों बढ़ा?
- सरसों के तेल के दाम बढ़ने की एक और वजह बताते हुए खंडेलवाल कहते हैं, “दुनिया भर के देश ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रहे हैं. इसकी वजह से बायोडीजल की खपत भी बढ़ी है. इसमें भी खाद्य तेलों का इस्तेमाल होता है. संभवतः इस वजह से भी वर्ल्ड मार्केट में खाद्य तेलों के दाम बढ़े हों.”
- सरसों का अनुमतनक –
सरसों तेल दादरी- 16,580 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 2,560 -2,610 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 2,645 – 2,755 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी – 15,100 – 17,600 रुपये।