Wheat की कीमतों में त्योहारों के कारण हुआ है 3% इजाफा
भारत में इस बार धान सहित अन्य खरीफ की फसलों का रकबा घटा है और यह अंदेशा जताया जा रहा है कि भारत में इस बार उत्पादन काफी कम होगा। भारत सरकार ने इस अनाज संकट की स्थिति से उभरने के लिए टूटा चावल एवं गेहूं के निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि सरकार के इस कदम की आलोचना हुई तो दूसरी तरफ इस कदम की सराहना भी की गई।
वर्तमान समय में गेहूं के भावों में जो उछाल आया है, उसे लेकर अलग-अलग राय दी जा रही हैं और सरकार द्वारा पीएम गरीब कल्याण योजना के विस्तार को लेकर भी अलग-अलग राय सामने आ रही हैं। ऐसे में क्या गेहूं के भावों में जो उछाल आया हुआ है, वो इसी तरह जारी रहेगा या उस पर लगाम लगने वाली है। इन सभी स्थितियों को लेकर सभी अपने-अपने तरीके से आकलन एवं विश्लेषण कर रहे हैं।
तीन फीसदी गेहूं Wheat में आया है उछाल
अभी रबी की फसल गेहूं (Wheat) की बुआई शुरू नहीं हुई है, परंतु त्योहारी सीजन की खपत एवं मांग बढ़ने से गेहूं की कीमतों में सितंबर में 1.5% से बढ़कर 3% का उछाल आया है। विशेषज्ञ इस उछाल के कारणों की पड़ताल कर रहे हैं। दूसरी तरफ इस उछाल का सबसे बड़ा कारण PMGKAY Garib Kalyan Anna Yojana को जो तीन महीने का विस्तार मिला है उसे बताया जा रहा है।
Wheat के भावों की तेजी पर PMGKAY Garib Kalyan Anna Yojana का असर
वहीं कुछ विश्लेषकों का मानना है कि 28 सितंबर 2022 यानी बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY Garib Kalyan Anna Yojana) के विस्तार से अब बाजार में गेहूं (Wheat) की कुल उपलब्धता में वृद्धि से कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।
गेहूं (Wheat) के 80रु प्रति क्विंटल बढ़े हैं भाव
राजस्थान के एक प्रमुख आटा मिलर नवनीत चितलंगिया ने कहा, “गेहूं (Wheat) के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भाव बढ़ने शुरू हुए थे। दबी हुई गेहूं(Wheat) की कीमतों में पिछले एक पखवाड़े के दौरान पूरे देश में 70-80 रु प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी हुई है, जो 2430-2450 रु प्रति क्विंटल है।”
PMGKAY Garib Kalyan Anna Yojana से गिरेंगे गेहूं के भाव
खेती-व्यापार के जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार ने (PMGKAY Garib Kalyan Anna Yojana) का विस्तार नहीं किया होता तो व्यापार गेहूं (Wheat) की कीमतों में काफी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा था।
व्यापारियों का दावा
व्यापारों का दावा है कि ‘गेहूं (Wheat) की कीमतों में बढ़ोतरी की दर धीमी होगी, क्योंकि (PMGKAY Garib Kalyan Anna Yojana) के तहत अनाज के वितरण से गेहूं(Wheat) की कुल आपूर्ति बढ़ जाएगी।’
स्टॉकिस्टों की स्थिति और होल्डिंग कैपेसिटी
गेहूं(Wheat) की कीमतों में धीमी वृद्धि से स्टॉकिस्टों पर अपने कुछ स्टॉक को खत्म करने का दबाव बढ़ने की भी उम्मीद है।
पिछले छह महीनों के लिए गेहूं (Wheat) की वहन लागत को जोड़ते हुए, मौजूदा बाजार मूल्य स्टॉकिस्टों के लिए नो प्रॉफिट नो लॉस प्रीपोजिशन की पेशकश करते हैं।
चीतलंगिया ने कहा, ‘जिनके पास होल्डिंग कैपेसिटी नहीं है, वे अपने कुछ शेयरों को इस कीमत पर बेचना पसंद कर सकते हैं।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि जो वर्तमान समय में गेहूं की कीमतों में उछाल आया हुआ है, उस पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों में जो गेहूं वितरित किए जाएंगे, उससे मांग एवं आपूर्ति के नियम की पूर्ति या यूं कहें कि ब्लेंस हो जाएंगी। तो यह अनुमान है कि भविष्य में जल्द ही गेहूं के भावों में गिरावट दर्ज होगी या फिर भावों में स्थायित्व आने के चांस हैं। यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि जो लोग गेहूं का स्टॉक किए हुए हैं वो उस स्टॉक को निकालते हैं या नहीं। त्योहारों के समय में भी गेहूं की खपत बढ़ जाती है तो यह भी कयास लगाया जा रहा है कि अभी कुछ समय गेहूं के भावों में और अधिक तेजी आने की संभावना है।