आज हम आपको केसर की खेती के बारे में पूरी डिटेल में बताएंगे, जिसके जरिए आप भी केसर की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं | यह भी बताएंगे कि कैसे इस खेती के जरिए किसान लाखों की कमाई आसानी से कर सकता है |
कोई धार्मिक प्रसंग हो या आयुर्वेद की महिमा का गुणगान, केसर की उपस्थिति हर जगह दर्ज है ऋषि-मुनियों और आयुर्वेदाचार्यों ने तो दिल खोलकर केसर की प्रशंसा की है और इसे एक तिलिस्मी फूल की संज्ञा दी है |
आज के समय में असली केसर मिलना काफी मुश्किल है | लेकिन क्या आपको पता है कि आप बहुत ही आसानी से केसर की खेती करके और असली केसर की पैदावर कर सकते हैं | केसर का रेट्स इतना ज्यादा होता है कि इसको लाल सोना के नाम से भी लोग जानते हैं | आज हम आपको केसर की खेती के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जिसके जरिए इच्छुक किसान भाई केसर की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं |इस खेती के जरिए किसान लाखों की कमाई आसानी से कर सकता है |
इस तरह होगी बढ़िया कमाई
हरियाणा के हिसार जिले में रहने वाले दो युवा किसानों ने अपने घर की छत पर केसर की खेती कर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है। क्योंकि अभी तक हमारे देश में केसर की खेती सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में ही की जाती थी। लेकिन इन किसानों ने एक अनोखी विधि से केसर उगा कर लगभग 6 से 9 लाख रुपये का मुनाफा कमाकर सभी को हैरत में डाल दिया है।
लॉकडाउन के दौरान इन किसानों ने ऐयरोफोनिक पद्धति का इस्तेमाल कर ये करिश्मा दिखाया है। अभी तक इस पद्धति का उपयोग ईरान, स्पेन, चीन में केसर की फसल तैयार करने के लिए किया जाता था। वहीं हमारे देश भारत में सबसे अधिक केसर की खेती जम्मू में की जाती है और इसका सप्लाई देश ही नहीं विदेश में भी होती है। लेकिन इन किसानों के द्वारा किए गए अनोखे काम ने ये साबित कर दिया है कि मेहनत, निष्ठा, लग्न से कोई भी कार्य करें, तो बड़े से बड़ा काम आसान हो जाता है।
नवीन और प्रवीण दोनों सगे किसान भाइयों ने केसर की खेती के लिए यह सभी जानकारी गूगल और यूट्यूब के माध्यम से ली। इसके बाद ये दोनों केसर के बीज 250 प्रति किलो के हिसाब से जम्मू से लाए। लॉकडाउन में ट्रायल के तौर पर अपने आजाद नगर स्थित घर में 15 गुणा 15 साइज के कमरे की छत पर केसर की खेती की शुरुआत की और इस प्रोजेक्ट को अगस्त से नवंबर 2020 तक पूरा कर लिया।
ट्रायल के दौरान नवीन और प्रवीण ने 100 किलो से भी अधिक केसर की खेती की, जिसमें से करीब डेढ़ किलो केसर की पैदावार हुई। पहली बार केसर की खेती से इन किसानों को 6 से 9 लाख रुपये का फायदा हुआ। इन दोनों भाइयों का कहना है कि ये प्रोजेक्ट लगाकर हरियाणा का किसान अपनी आय दोगुनी कर सकता है।
नए प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए 7 से 10 लाख रुपये की लागत आएगी, जिसमें कई तरह की मशीनें लगाई जाती हैं। ये प्रोजेक्ट किसान अपने घर में लगाकर एक साल में 10 से 20 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकता है।
नवीन और प्रवीण की हरियाणा सरकार से मांग है कि केसर की खेती के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाए, जिससे किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो। इतना ही नहीं यदि किसी किसान को अगर इस व्यवसाय से संबंधित कोई जानकारी चाहिए, तो ये दोनों भाई मदद करने को भी तैयार हैं ।
एक बार केसर के पैदावार के बाद इसे अच्छे तरह से पैक कर किसी भी नजदीकी मंडी में अच्छे दामों में बेच सकते है | असली केसर की डिमांड सभी जगह पर है आप अपने खेत से केसर पैदा कर बढ़िया कीमतों पर बेच सकते हैं | इसके अलावा आप इसे ऑनलाइन भी सेल कर सकते हैं |
कितनी है असली केसर की कीमत
भारत में केसर की कीमत इस समय 2,50,000 से 3,00,000 प्रति किलो तक हो गई है | इसके अलावा इसके लिए 10 वॉल्व बीज का इस्तेमाल किया जाता है, इसकी कीमत 550 रुपए के करीब है |
आयुर्वेद में कहा गया है कि केसर से पाचन शक्ति बढ़ती है और खून बनता है | हैजा की शिकायत होने पर अगर केसर को नीम की पत्तियों के साथ खाया जाए तो चमत्कारिक प्रभाव होता है |
फूल महज खूबसूरती और भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए ही हों, ऐसी बात भी नहीं है | कई फूल अपनी मोहर खुशबू और खूबसूरती के साथ-साथ औषधीय गुण भी रखते हैं | सचमुच फूल इस धरती पर प्रकृति की सबसे नायाब भेंट हैं और यह आदमी पर निर्भर करता है कि वह इस नायाब भेंट का कितना सदुपयोग करता है |
फूल इस धरती पर प्रकृति की सबसे खूबसूरत भेंट हैं | अपनी खूबसूरती और मोहक खुशबू में यह समूचे परिवेश को मस्ती से सराबोर कर देते हैं | यह ख़ुशी, उल्लास व श्रद्धा का प्रतीक होने के साथ-साथ हमारी भावनाओं का प्रतिबिंब भी है | विश्व में शायद ही ऐसा कोई देश होगा, जहाँ फूल न पाए जाते हों और शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो, जिसे फूल पसंद न हों |
एक दार्शनिक ने तो यहाँ तक खा कि फूल हमारी रगों में नए उत्साह का संचार करते हैं | हमारी धडकनों में संगीत भी देते हैं और चेहरे पर ताजगी ला देते हैं |
केसर की खेती किस प्रकार की जाए
अनुकूल जलवायु
केसर की खेती समुद्र तल से 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर होती है | इस खेती के लिए ठीकठाक धूप की भी जरूरत होती है |
जमीन कैसी चाहिए
केसर के उत्पादन के लिए आपको ध्यान देना होगा की जिस खेत में आप केसर की खेती करने जा रहे है उसकी मिटटी रेतीली, चिकनी, बलुई या फिर दोमट होनी चाहिए, लेकिन केसर की खेती अन्य मिट्टी में भी आसानी से हो जाता है | बता दें पानी के जमाव की वजह से केसर के क्रोम्स खराब हो जाते हैं और फसल बर्बाद हो जाती है इसलिए इस तरह की जमीन देखें जहां पानी न भरे |
खेत की तैयारी
केसर का बीज बोने या लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई की जाती है | इसके अलावा मिट्टी को भुरभुरा बना कर आखिरी जुताई से पहले 20 टन गोबर का खाद और साथ में 90 किलोग्राम नाइट्रोजन 60 किलोग्राम फास्फोरस और पोटाश प्रति हेक्टेयर के दर से अपने खेत में डाला जाता है | इससे आपकी जमीन उर्वरक रहेगी एवं केसर की फसल काफी अच्छी होगी |
बीज कब लगायें
किसी भी फसल को रोपने का एक निश्चित समय होता है और सही समय पर बीज नहीं रोपने से हमे अच्छी फसल नहीं मिल पाती है इसलिए बीज को हमेशा निर्धारित समय पर ही खेतो में लगाएं | केसर की फसल लगाने का सही समय ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र में जुलाई से अगस्त है | लेकिन मध्य जुलाई के समय को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है जबकि मैदानी क्षेत्रों के लिए में फरवरी से मार्च सही समय है |केसर के क्रोम्स लगाते वक्त ध्यान रखे कि क्रोम्स को लगाने के लिए 6-7 cm का गड्ढ़ा करें और दो क्रोम्स के बीच की दूरी लगभग 10 cm रखें | इससे क्रोम्स अच्छे से फलेगी और पराग भी अच्छे मात्रा में निकलेगा |
केसर कहाँ से खरीदें ?
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