हाइड्रोपोनिक विधि से चारा बनाने की तकनीक (Hydroponic Fodder)

किसान उमेद सिंह बताते हैं कि हाइड्रोपोनिक चारा बनाने की आधुनिक विधि उन तकनीकों में से एक है, जिसमें बिना मिट्टी के पौधों को पोषण देने के लिए स्वच्छ और ऑटोमेटेड पानी के संचालन का उपयोग किया जाता है। यह एक सुरक्षित, स्वस्थ और संचालित तरीका है जो पौधों के विकास को सुनिश्चित करता है और उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन करता है।

Today Mandi News 04 March 2023

हाइड्रोपोनिक चारा (Hydroponic Fodder) उत्पादन के लिए कुछ आधुनिक विधियां निम्नलिखित हैं:

  1. वर्टिकल फार्मिंग – इस विधि में पौधे एक ऊंचे ढेर के रूप में उगाए जाते हैं, जिससे फसल के उत्पादन में जमीन के लिए कम स्पेस लगता है। इस तरीके में पानी और न्यूट्रिएंट आपूर्ति समान रूप से स्थानांतरित होती है।
  2. अक्वापोनिक्स – इस विधि में चारा उत्पादन एक संयोजित प्रक्रिया है जो फिश फार्मिंग और हाइड्रोपोनिक्स को मिलाकर किया जाता है। फिश टैंक में फाइश रखे जाते हैं जो पानी में धातु फिरते हैं जो पौधों के लिए खाद का काम करते हैं।
  3. एयरोपोनिक्स – इस विधि में पौधों को पूर्णतः हवा के माध्यम से पोषित किया जाता है। पानी के धुंए से जो न्यूट्रिएंट होते हैं वे उन्हें पौधों तक पहुंचाते हैं। इस तरीके में पानी की आपूर्ति बहुत कम होती है और पौधों को कम देखभाल की आवश्यकता होती है।
  4. न्यूट्रिएंट फिल्म टेक्नोलॉजी (NFT) – इस तकनीक में पानी एक ट्रेंच से बहता है जिसमें धातु पट्टियों पर पौधों को रखा जाता है। पानी ट्रेंच में रखे गए फिल्म के माध्यम से न्यूट्रिएंट आसानी से पहुंचते हैं।

हाइड्रोपोनिक चारे (Hydroponic Fodder) के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. जमीन की आवश्यकता नहीं होती है – हाइड्रोपोनिक चारे के लिए जमीन की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, इस तरीके से पौधे पानी के एक ढेर में उगाए जाते हैं। इससे फसल के उत्पादन में जमीन के लिए कम स्पेस लगता है।
  2. पानी की आपूर्ति कम होती है – हाइड्रोपोनिक चारे में पानी का इस्तेमाल जमीनी खेती के मुकाबले कम होता है। इसके बजाय, पानी को संयोजित प्रणाली में उपयोग किया जाता है, जिससे खेती में पानी की बचत होती है।
  3. खेती में उत्पादन में बेहतर नतीजे – हाइड्रोपोनिक चारे में पानी, खाद और हवा की सही मात्रा में प्रदान की जाती है। इससे पाउडर को फसल के विकास के लिए सही मात्रा में न्यूट्रिएंट मिलते हैं जो फसल के उत्पादन में बेहतर नतीजे देते हैं।
  4. संचारित उत्पादन – हाइड्रोपोनिक चारे के लिए पानी की आपूर्ति एक संयोजित प्रणाली में की जाती है, जो सुनिश्चित करती है कि उत्पादन निरंतर होता रहे |

हाइड्रोपोनिक चारे (Hydroponic Fodder) की प्रणाली के निर्माण के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाना चाहिए:

  1. सही सामग्री का चयन करें – हाइड्रोपोनिक चारे के लिए उचित सामग्री का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सामान्यतः, इस प्रणाली के लिए कोको पीठ, पानी की बोतलें, प्लास्टिक या मिट्टी की गमलियां, नारियल की जड़ें, या फिर किसी और सामग्री का उपयोग किया जाता है।
  2. उपयुक्त स्थान का चयन करें – हाइड्रोपोनिक चारे के लिए स्थान का चयन करते समय, ध्यान रखना चाहिए कि स्थान पर्याप्त रौशनी और तापमान होना चाहिए। धूल-मिट्टी से मुक्त स्थान चुनें।
  3. सही नलकूप तैयार करें – हाइड्रोपोनिक चारे के लिए एक उचित नलकूप तैयार करना जरूरी होता है। नलकूप में पानी और खाद का सही समान दर्शाने वाला यन्त्र जोड़ें।
  4. पानी की नियमित आपूर्ति दें – हाइड्रोपोनिक चारे के लिए पानी की नियमित आपूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए, एक टंकी या नलकूप का उपयोग भी कर सकते हैं I

हाइड्रोपोनिक चारे (Hydroponic Fodder) के उत्पादन की प्रक्रिया निम्नानुसार होती है:

  1. सामग्री की तैयारी – उपयुक्त सामग्री जैसे कि कोको पीठ, नारियल की जड़ें, पानी की बोतलें, या मिट्टी वगैरह से हाइड्रोपोनिक चारे के लिए समान उत्पादन की जाती है।
  2. नलकूप की तैयारी – नलकूप में पानी और खाद का सही समान दर्शाने वाला यन्त्र जोड़ा जाता है।
  3. पादप संबंधी कार्य – उचित सामग्री के साथ उचित तरीके से पादप लगाएं। यह एक संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें नियमित तौर पर पादप की देखभाल की जाती है।
  4. पानी की आपूर्ति – हाइड्रोपोनिक चारे में पानी की नियमित आपूर्ति करने के लिए एक नलकूप या टंकी का उपयोग किया जाता है।
  5. रोपना – पादपों को रोपने के लिए उचित रोपण सामग्री का उपयोग करें। उन्हें धीमी गति से पानी में डुबोएं जिससे उन्हें पानी और पोषक तत्वों से सही मात्रा में लाभ मिल सके।
  6. पोषण – हाइड्रोपोनिक चारे में पोषण उपलब्धता के समान नियमित होना चाहिए। अधिकतम उत्पादकता और उत्पादकता की गुणवत्ता के लिए, पादपों को अलग-अलग चरणों में अलग-अलग तरल पोषक तत्वों के साथ पोषित किया जाता है।

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