किसान साथियों आईये जानते हैं देश की विभिन्न मंडियों में रहा मंडी भाव 13 अप्रैल 2021 : Mandi Bhav 13 April 2021
आपकी सेवा में यह नया पोर्टल शुरू किया जा रहा है | इस पोर्टल का उद्देश्य आपको मंडी रेट्स और मंडी से जुडी समस्त गतिविधियों के बारे में जागरूक बनाना है ताकि आप बतौर किसान बेहतरीन निर्णय ले सकें |
आज हम आप के लिए निम्नलिखित 7 मंडियों में किसानों को मिले भाव लेकर आये हैं |
- फरीदाबाद
- गुरुग्राम
- गोहाना
- नरवाना
- पेहवा
- साढोरा
- शह्जादपुर
फल एवं सब्जियों के मंडी भाव (Fruits and vegetables Mandi bhav 13 April 2021)
हरियाणा में फल एवं सब्जियों के मंडी भाव
हम आपको हर रोज खेतीबाड़ी पशुपालन से जुड़े बेहतरीन टिप्स भी बतायेंगे ताकि आप उन्हें अपने जीवन में प्रयोग कर सकते।
फरीदाबाद | ||||
फल-सब्जी का नाम | आगमन
(टन में) | न्यूनतम मूल्य
(रु / क्विंटल) | अधिकतम मूल्य
(रुपये / क्विंटल) | मॉडल मूल्य
(रुपये / क्विंटल) |
तरबूज | 20 | 700 | 1000 | 850 |
गोहाना | ||||
भिन्डी | 1.6 | 4500 | 5000 | 4500 |
बैंगन | 0.4 | 800 | 1000 | 800 |
गाजर | 0.1 | 1500 | 1500 | 1500 |
ककड़ी (खीरा) | 6.5 | 700 | 800 | 700 |
अंगूर | 0.4 | 4500 | 5000 | 4500 |
हरी मिर्च | 1.6 | 2500 | 3000 | 2500 |
नींबू | 0.3 | 2500 | 3000 | 2500 |
प्याज | 8.4 | 900 | 1000 | 900 |
आलू | 2.5 | 700 | 800 | 700 |
टमाटर | 9.9 | 700 | 1000 | 700 |
तरबूज | 1.7 | 800 | 1000 | 800 |
गुडगाँव | ||||
सेब | 2.1 | 10000 | 12000 | 11000 |
केला | 4.2 | 2000 | 3000 | 2500 |
बैंगन | 4.4 | 800 | 1000 | 900 |
पत्ता गोभी | 6.8 | 300 | 400 | 350 |
गाजर | 4 | 800 | 1000 | 900 |
गोभी | 1.2 | 1500 | 2000 | 1750 |
ककड़ी (खीरा) | 13.8 | 500 | 1000 | 750 |
अंगूर | 4.4 | 3000 | 5000 | 4000 |
प्याज | 31 | 1000 | 1200 | 1100 |
आलू | 61 | 400 | 700 | 550 |
पालक | 2.6 | 400 | 800 | 600 |
टमाटर | 17 | 800 | 1000 | 900 |
तरबूज | 5.8 | 1200 | 1500 | 1350 |
नरवाना | ||||
केला | 3 | 1100 | 1100 | 1100 |
गोभी | 0.2 | 1000 | 1000 | 1000 |
प्याज | 9.46 | 1000 | 1000 | 1000 |
आलू | 6.8 | 700 | 700 | 700 |
टमाटर | 2.38 | 1000 | 1500 | 1250 |
पेहोवा | ||||
केला | 0.2 | 1600 | 1600 | 1600 |
गोभी | 0.2 | 1400 | 1600 | 1600 |
प्याज | 0.2 | 1400 | 1600 | 1500 |
आलू | 0.2 | 1600 | 1600 | 1600 |
टमाटर | 0.2 | 1400 | 1600 | 1500 |
सढौरा | ||||
करेला | 1.2 | 2000 | 2500 | 2200 |
लौकी | 3.8 | 600 | 850 | 700 |
बैंगन | 0.5 | 1000 | 1200 | 1100 |
पत्ता गोभी | 1.8 | 300 | 300 | 300 |
शिमला मिर्च | 2 | 1000 | 1200 | 1100 |
गोभी | 4.2 | 1000 | 1200 | 1100 |
ककड़ी (खीरा) | 3.8 | 600 | 800 | 700 |
अदरक (ग्रीन) | 0.6 | 3000 | 3500 | 3200 |
हरी मिर्च | 0.9 | 2000 | 2500 | 2200 |
नींबू | 0.1 | 6000 | 6000 | 6000 |
प्याज | 2.9 | 1000 | 1350 | 1100 |
मटर गीले | 0.15 | 4000 | 5000 | 4500 |
आलू | 3.4 | 600 | 650 | 650 |
कद्दू | 2.5 | 500 | 600 | 550 |
टमाटर | 1.5 | 1000 | 1600 | 1200 |
शहजादपुर | ||||
करेला | 0.1 | 2500 | 3000 | 3000 |
लौकी | 0.95 | 200 | 1000 | 600 |
बैंगन | 0.12 | 800 | 1000 | 1000 |
पत्ता गोभी | 0.18 | 400 | 800 | 400 |
शिमला मिर्च | 0.11 | 1500 | 1500 | 1500 |
गाजर | 0.1 | 1000 | 1000 | 1000 |
गोभी | 0.42 | 500 | 812 | 812 |
ककड़ी (खीरा) | 0.18 | 800 | 900 | 900 |
अदरक (ग्रीन) | 0.1 | 3500 | 3500 | 3500 |
नींबू | 0.1 | 9000 | 9000 | 9000 |
खरबूजा | 0.1 | 1500 | 1500 | 1500 |
मेथी (पत्ते वाली) | 0.1 | 500 | 500 | 500 |
प्याज | 0.15 | 1000 | 1000 | 1000 |
मटर गीले | 0.13 | 3500 | 5000 | 5000 |
आलू | 1.1 | 500 | 900 | 700 |
कद्दू | 0.66 | 500 | 700 | 500 |
मूली | 0.1 | 500 | 500 | 500 |
पालक | 0.13 | 500 | 600 | 500 |
टमाटर | 0.1 | 1200 | 1200 | 1200 |
कृषि विज्ञान Krishi Vigyan
शस्य विज्ञान Agronomy
Agronomy = Agros (Field Crops ) + Norms (management) यह एक ग्रीक शब्द है। शस्य विज्ञान कृषि की वह शाखा है जो फसल उत्पादन और भूमि प्रबंध सिद्दांतों और क्रियाओं से सम्बन्ध रखती है। Agronomy is a branch of agricylture that deals withthe principals and practices of crop production and field management प्रखर कृषि वैज्ञानिक एन के अनंत राव जी कहते हैं Agronomy is the Science & Technology of Crop Production और प्रखर कृषि वैज्ञानिक रजत डे के अनुसार Agronomy is the application of scientific principals to the art of crop production.
शस्य विज्ञान के मूलभूत सिध्दांत Basic Principals of Agronomy
विभिन्नप्रकार की भू परिष्करण (tillage) क्रियाओं का उचित प्रबंधन एवं उनका विकास करना।
मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता को बनाये रखना।
फसलों में कीट रोग और खरपतवारों का प्रबंध विशेषकर एकीकृत प्रबंध करना।
स्वस्थ बीजों को खेत में उचित दूरी और गहराई पर सही समय पर बोना।
फसलों की विभिन्न अवस्थाओं के लिए उर्वरक तथा जल का उचित प्रबंध करना।
फसलों की उचित समय पर कटाई तथा गहाई (Harvesting and Thrashing) करना।
फसलोत्पादों का वैज्ञानिक ढंग से भंडारण करना।
प्रतिकूल जलवायु सम्बन्धी परिस्थितियों में फसलोत्पादन सुनिश्चित करने हेतु बहुफसली खेती मिश्रित खेती एवं फसल प्रणाली का प्रयोग करना।
फसल चक्र में कोई फसल यदि वर्षा सूखा बिमारी आदि से नष्ट होने पर आकस्मिक फसल योजना (contingent crop planning) करना।
परम्परागत ज्ञान Traditional Knowledge
पशु का जुगाली ना करना
पशु यदि किसी कारणवश मोटा या खराब चारा खा लेता है या पशु को चारा खिलाते ही काम में जोत लिया जाए और इस वजह से पशु को आराम से बैठ कर जुगाली करने का समय ही ना मिले और उसे बदहजमी हो जाए तो ऐसी स्थिति में सबसे पहले पशु को हमें जुलाब देना चाहिए ताकि पशु के पाचन तंत्र में अनपचा या अधपचा चारा हो तो वो तुरंत निकल जाए और पशु को आराम मिले।
जुलाब कैसे बनाएं
एप्सम साल्ट Epsom Salt जो रासायनिक रूप से मैगनीश्यिम सल्फेट होता है इसे आधा किलो ले लें फिर 250 ग्राम नामक लें सौंठ की मात्रा एक छटांक (लगभग 50 ग्राम) ले लें और शोरा आधा किलो लें। इन सभी चीजों को एक लीटर पानी में मिला कर पशु को पिला दें फिर थोड़ी देर के बाद पशु को थोड़ा गरम पानी पानी पीने के लिए दें।
इसके अलावा बीस बेस ग्राम खाने वाला सोडा और सौंफ + 10 ग्राम चिरायता + 500 ग्राम ईसबगोल को शीरे में मिलकर रोजाना सुबह पशु को दें। इन दोनों योगों को पशु को देने से पशु कुछ ही दिनों में स्वस्थ हो कर जुगाली करने लगता है और उसका चारा खाने के बाद ठीक से हज़म होने लगता है।
Conclusion:
किसान भाइयों हमें https://www.mandirates.in/के इस न्यूज़ आर्टिकल में हमने आपको हरियाणा की विभिन्न मंडियों के आज के फल एवं सब्जियों के भाव मंडी भाव बताये है। उपरोक्त बताये मंडी भाव की जानकारी विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी , मीडिया एवं मार्केट सोर्सेज से प्राप्त की गयी है जो केवल आपकी जानकारी हेतु है। आपसे निवेदन है कि किसी भी प्रकार का व्यपार करने से पूर्व मंडी समिति से लेटेस्ट भाव की पुष्टि अवश्य कर ले।
इसके अलावा हमने आपको आपके लाभ के लिए कृषि विज्ञान की कड़ी में शस्य विज्ञान के सिध्दांत और परम्परागत ज्ञान Traditional Knolwedge की कड़ी में पशुओं में जुगाली ना करने की समस्या को दूर करने हेतु एक देसी नुस्खा बताया है हम उम्मीद करते हैं कि यह जानकारियां आपके लिए उपयोगी साबित होंगी धन्यवाद।