प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna)
राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna) के तहत किसानों को कितना फायदा मिल रहा है और किसानों को खराब हुई फसलों के लिए किन-किन बातों एवं सावधानियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इन तमाम सवालों एवं मुद्दों पर इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे।
दरअसल मोदी सरकार ने 18 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी और इस योजना का मुख्य लक्ष्य यही रखा गया है कि प्राकृतिक आपदाओं आदि के कारण किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके। इस योजना के माध्यम से सरकार खेती को बढ़ावा और किसानों की चिंताओं को खत्म करके उनकी आय में बढोत्तरी करना चाहती है।
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किन राज्यों में लागू है पीएम फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत देश के 18 राज्य शामिल हैं। जिनमें असम, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर(केंद्र शासित), केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिसा, पॉन्डिचेरी (केंद्र शासित), राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड हैं।
किन राज्यों में लागू नहीं है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
पंजाब, बिहार, गुजरात, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, कर्नाटक, मिजोरम, नागलैंड, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल |केंद्र शासित- दिल्ली, लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादरा नागर हवेली,चंडीगढ़, लद्दाख |
किन किसानों का मिल सकता है फसल बीमा का लाभ
राजस्थान में वो सभी किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फायदा ले सकते हैं, जिन्होंने खेती-बाड़ी से संबंधित कोई भी ऋण लिया हुआ या बिना किसी ऋण लिए खेती कर रहे हैं। वो सभी किसान भी फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं, जो खेती बटाई (ठेके पर) पर कर रहे हैं। अर्थात् इस योजना के अन्तर्गत फसली ऋण लेने वाले किसान, गैर ऋणी किसान एवं बंटाईदार किसानों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। बंटाईदार किसान, जिस जिले में स्वयं रहता है, उसी जिले की परिधि क्षेत्र (एरिया) में बंटाई की भूमि ही मान्य होगी।
ऋणी किसान कौन से हैं?
जिन किसानों ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यावसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक, सहकारी बैंक, सहकारी समिति आदि से कर्ज लिया है। इन बैंकों एवं समितियों द्वारा अधिसूचित इकाई क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए जिन किसानों को खरीफ 2022 के लिए 31 जुलाई एवं रबी 2022-23 के लिए 31 दिसंबर तक फसल ऋण की सीमा अनुमोदित ( स्वीकृत की गई हो तथा ऋण वितरित किया गया हो।
किसानों की मर्जी से होगा फसलों का बीमा
ऋणी, गैर-ऋणी और बटाई पर खेती करने वाले किसान, बैंकों और सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से फसल बीमा करवा सकेंगे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरी तरह किसान की मर्जी पर निर्भर है। किसानों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल बीमा करवाया जाना पूर्णतया स्वैच्छिक है किन्तु ऋणी किसानों को योजना से अलग रहने के लिये नामांकन की अन्तिम तारीख से 7 दिन पहले खरीफ के लिये 24 जुलाई एवं रबी के लिए 24 दिसंबर) तक संबंधित वित्तीय संस्था में इस बाबत घोषणा पत्र देना होगा (घोषणा पत्र का प्रारूप सम्बन्धित वित्तीय संस्था / बैंक शाखा में उपलब्ध है)। अगर किसान यह घोषणा पत्र नहीं देगा तो उसे योजना में शामिल माना जाएगा। .ऐसे में कर्जदार (ऋणी) किसानों से बीमा का प्रीमियम काट लिया जाएगा।
गैर ऋणी एवं बंटाईदार किसानों का फसल बीमा
जिन किसानों ने कोई ऋण नहीं लिया है या किसी दूसरे किसान की जमीन बटाई पर बो रहा है, वो सभी किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं। ये सभी किसान केन्द्रीय सहकारी बैंक/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सी. एस. सी. के माध्यम से फसल बीमा करवा सकते हैं। इसके अलावा किसान बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट / मध्यस्थी, प्राधिकृत प्रतिनिधि अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) द्वारा भी फसल बीमा करवा सकते हैं।
सभी किसानों के लिए जरूरी है प्रमाण-पत्र देना
किसान किसी भी संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था से फसल बीमा जब करवाता है तो उसका प्रीमियम कटने से पहले किसान को यह प्रमाण-पत्र देना आवश्यक है कि उसने इस भूमि पर बोई गई फसल का बीमा किसी अन्य बैंक या वित्तीय संस्था के माध्यम से नहीं करवाया है।
राजस्थान में खरीफ की किन फसलों का करवा सकते हैं बीमा
राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा में खरीफ की ये 14 फसलें सरकार द्वारा अधिकृत की गई हैं- बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोठ, ग्वार, चंवला, उड़द, अरहर, सोयाबीन, तिल, धान, कपास एवं मूंगफली
राजस्थान के 33 जिलों में अधिकृत 14 फसलों का बीमा जिले के तहसील एवं पटवार के स्तर पर फसल बीमे का प्रीमियम और नुकसान की भरपाई का पैमाना अलग-अलग है। खरीफ की फसलों का बीमा प्रीमियम जुलाई महीने में भरा जाता है।
राजस्थान में रबी की किन फसलों का करवा सकते हैं बीमा
राजस्थान में प्रधानमंत्री फसल बीमा में रबी की ये 11 फसलें सरकार द्वारा अधिकृत की गई हैं- गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, जीरा, धनियां, ईसबगोल, मेथी, मक्का एवं मसूर।
राजस्थान के 33 जिलों में अधिकृत 11 फसलों का बीमा जिले के तहसील एवं पटवार के स्तर पर फसल बीमे का प्रीमियम और नुकसान की भरपाई का पैमाना अलग-अलग है। रबी की फसलों का बीमा प्रीमियम दिसंबर महीने में भरा जाता है।
बीमित फसल के नाम में बदलाव
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की परिचालन मार्गदर्शिका (खरीफ 2020 से लागू के प्रावधानानुसार समस्त नामांकित किसान नामांकन की अंतिम तिथि से दो दिवस पूर्व तक बीमित फसल के नाम में परिवर्तन करवा सकते हैं। यानी खरीफ की फसल के समय 29 जुलाई और रबी की फसल के समय 29 दिसंबर तक किसान पहले से दर्ज करवाई गई फसल का नाम बदल सकते हैं।
आधार कार्ड के बिना नहीं मिलेगा फसल बीमा का लाभ
फसलों का बीमा करवाने हेतु सभी किसानों को संबंधित बैंक / संस्था को आधार क्रमांक अथवा आधार नामांकन संख्या अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवानी होगी।
ऋणी किसान प्रीमियम राशि को कैसे कर सकते हैं बंद
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पहले किसी भी सरकारी एवं अर्ध सरकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों को फसल बीमा करवाना अनिवार्य था, परंतु अब कर्जदार किसान की मर्जी है कि वो बीमा रखना चाहता है या नहीं। बीमा योजना से बाहर होने वाले इच्छुक ऋणी किसान द्वारा हर साल दो बार जुलाई और दिसंबर महीने में उस बैंक शाखा को लिखित में सूचना देनी होगी, जिससे उसने कर्ज लिया हुआ है। योजना से बाहर हो चुके किसान अगर दोबारा फसल बीमा करवाना चाहते हैं तो उन्हें ‘ऑप्शन इन’ का फार्म देना होगा। अगर किसान फॉर्म में विकल्प नहीं देते हैं तो वह योजना से बाहर हो जाएंगे। किसानों को खरीफ की फसल के समय 29 जुलाई और रबी की फसल के समय 29 दिसंबर तक संबंधित बैंक को सूचना देनी होगी।
राजस्थान में अधिकृत की गई इंश्योरेंस कम्पनियां
- एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड(AIC) – जिला (7)- बांरा, धौलपुर,हनुमानगढ, बाडमेर, झुंझुनू, करौली एवं उदयपुर। Toll Free Number- 1800116515
- फ्यूचर जनरली इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड(FutureGenerali) – जिला(3)- बून्दी, डूंगरपुर एवं जौधपुर। Toll Free Number- 18002664141
- एच.डी.एफ.सी. एर्गों जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड (HDFC) – जिला (3)- जैसलमेर, सीकर एवं टोंक। Toll Free Number- 18002660700
- बजाज एलाईंस जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड – जिला(4)- अजमेर, जालौर, सवाईमाधोपुर एवं कोटा। Toll Free Number- 18002095959
- एस.बी.आई जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड (SBI) – जिला (7)- भीलवाड़ा, चूरू, दौसा, राजसमंद, झालावाड़, श्रीगंगानगर एवं अलवर। Toll Free Number-18001232310
- रिलायंस जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड – जिला (6)-जयपुर, पाली, प्रतापगढ, बांसवाड़ा, नागौर एवं भरतपुर। Toll Free Number- 18001024088
- यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड – जिला(3)- बीकानेर, चित्तौडगढ एवं सिरोही। Toll Free Number- 18002005142
किन स्थितियों में मिलेगा बीमा क्लेम
कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों से बुवाई नहीं होने की स्थिति (बाधित / निष्फल बुवाई) प्रमुख फसलों के लिये। खड़ी फसल (बुवाई से कटाई में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात के कारण उपज में नुकसान के लिये व्यापक जोखिम बीमा (राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकड़ों के आधार पर) मिलेगा।
तात्कालिक क्लेम सहायता
तात्कालिक सहायता (On account payment due to mid-season adversity under saction] 21.4 of Revamped Operational Guidelines) अधिसूचित फसल की मध्य अवस्था में प्रतिकूल मौसमी स्थितियों यथा बाढ़, सूखा, दीर्घकालिक शुष्क अवधि आदि के कारण से अधिसूचित इकाई में अधिसूचित फसल की सम्भावित उपज फसल की सामान्य उपज से 50% से कम प्राप्त होने की स्थिति में सहायता मिलेगी।
फसल कटाई के बाद हुए खराबे का क्लेम
फसल कटाई के बाद सूखने के लिये खेत में काटकर फैलाकर छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से व्यक्तिगत आधार पर हुये नुकसान के लिये कटाई उपरान्त अधिकतम 02 सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए।
अधिसूचित बीमा इकाई / फसल में ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटना, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग एवं जलप्लावन से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।
किन आपदाओं में फसल बीमा क्लेम नहीं मिलेगा
युद्ध, आणविक खतरों, शरारतपूर्ण क्षति एवं अन्य रोके जा सकने वाले जोखिम से होने वाली क्षति को योजना के तहत बीमा कवर से बाहर माना जाएगा।
राजस्थान में फसलों का जोखिम स्तर कितना है
राजस्थान में खऱीफ और रबी की फसलों का जोखिम स्तर 80% निर्धारित किया गया है।
फसलों का प्रीमियम कितना है?
खरीफ, रबी एवं वाणिज्यिक / बागवानी फसलों हेतु बीमित राशि का क्रमशः 2%, 1.5% एवं 5% प्रीमियम किसान द्वारा वहन किया जायेगा। यानी खरीफ की बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोठ, ग्वार, चंवला, उड़द, अरहर, सोयाबीन, तिल एवं मूंगफली पर किसानों को 2% प्रीमियम भरना पड़ता है।
कपास और धान वाणिज्यिक फसलों की श्रेणी में आने के कारण इन फसलों पर किसानों को 5% प्रीमियम भरना पड़ता है।
रबी की फसलों में गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, , धनियां, मक्का एवं मसूर पर 1.5% प्रीमियम किसानों से लिया जाता है। वहीं जीरा, ईसबगोल एवं मेथी को वाणिज्यिक श्रेणी में रखने के कारण किसानों को इन फसलों पर 5% प्रीमियम देना पड़ता है।
भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सिंचित श्रेणी के जिलों की फसलों के लिए अधिकतम 25% एवं असिंचित श्रेणी के जिलों की फसलों के लिए अधिकतम 30% की प्रीमियम दर निर्धारित की गई है। भारत सरकार द्वारा उक्त निर्धारित सीमा तक किसान प्रीमियम को छोड़कर शेष राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 50:50 के अनुपात में वहन की जायेगी। निर्धारित प्रीमियम सीमा से अधिक शेष प्रीमियम अनुदान राशि का भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जावेगा।
भारत की प्रमुख फसल बीमा कंपनियां
1. Agriculture Insurance Company of India Ltd
2. Bajaj Allianz General Insurance Co. Ltd
3. Cholamandalam MS General Insurance Co. Limited
4. Future Generali India Insurance Company Limited
5. HDFC ERGO General Insurance Co. Ltd.
6. ICICI Lombard General Insurance Co. Ltd
7. IFFCO-Tokio General Insurance Co. Ltd
8. SBI General Insurance Co. Limited –
9. Reliance General Insurance Co. Ltd.
10. Tata AIG General Insurance Co. Ltd.
11. Universal Sompo General Insurance Company Limited