Company Act के नए नियमों से बदलेगी लाखों Small Companies की किस्मत
भारत सरकार के मिनिस्टर ऑफ अफेयर्स (The Ministry of Corporate Affairs (MCA) ने 15 सितंबर 2022 एक नोटिफिकेशन के माध्यम से छोटी कंपनियों (Small Companies) की परिभाषा में बड़ा बदलाव किया है, जो कि इज डूइंग ऑफ बिजनेस के लिहाज से काफी अच्छी खबर है।
कंपनी एक्ट (Company Act) 2013 जो 1 अप्रैल 2014 से लागू हुआ था। तब उसके अनुसार पब्लिक कंपनी की जो डेफिनिशन थी। उसमें पेड ऑफ शेयर कैपिटल(paid up share capital) 50 लाख रु तक थी और टर्नओवर(as per profit and loose found) 2 करोड़ रु तक था।
1 फरवरी 2021 को छोटी कंपनियों को लेकर सरकार ने बदलाव किए थे। उनके अनुसार पेड ऑफ शेयर कैपिटल (paid up share capital) 2 करोड़ और टर्नओवर(as per profit and loss found) 20 करोड़ रु कर दी गई थी।
अब 15 सितंबर 2022 को सरकार ने फिर छोटी कंपनियों को लेकर बदलाव किया है। अब के अनुसार पेड ऑफ शेयर कैपिटल (paid up share capital) 4 करोड़ रु और टर्नओवर (as per profit and loss found) 40करोड़ रु कर दी गई है।
दरअसल छोटी कंपनी के नए नियम के अनुसार टर्नओवर (turnover for the small company has been increased to Rs. 40cr (Earlier 20 Crs.) respectively) 20 करोड़ से बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये कर दिए हैं।
यह Small Company में पब्लिक कंपनी, होल्डिंग कंपनी, सब्सिडी कंपनी, स्पेशल एक्ट में बनी कंपनी पर लागू नहीं होगा और कोर्पोरेट कंपनी द्वारा गवर्न कंपनी पर भी लागू नहीं होंगे।
कंपनी अधिनियम, 2013 (Company Act, 2013) और एलएलपी अधिनियम, 2008 (LLP Act, 2008) के विभिन्न प्रावधान, स्टार्ट अप के लिए फास्ट ट्रैक विलय का विस्तार, एक व्यक्ति कंपनियों (ओपीसी) आदि के निगमन को प्रोत्साहित करना आदि।
पेड-अप कैपिटल (Paid up Capital) कंपनी द्वारा प्राप्त धन की राशि है जब वह अपने शेयर शेयरधारकों और निवेशकों को सीधे प्राथमिक बाजार के माध्यम से बेचती है। दूसरे शब्दों में, यह वह पैसा है जो निवेशक उस कंपनी में शेयर खरीदने पर कंपनी को देते हैं।
छोटी कंपनियों (small companies) के लिए संशोधित परिभाषा इस प्रकार है:
- वित्तीय विवरण (financial statement) के भाग के रूप में नकदी प्रवाह (cash flow) विवरण तैयार करने की आवश्यकता नहीं है।
- संक्षिप्त वार्षिक रिटर्न तैयार करने और दाखिल (Mandatory rotation of auditor not required) करने का लाभ।
- रोटेशन ऑडिटर की आवश्यकता नहीं है।
- एक छोटी कंपनी के ऑडिटर को ऑडिटर की रिपोर्ट में आंतरिक वित्तीय नियंत्रणों (adequacy of the internal financial controls and its operating) की पर्याप्तता और इसकी परिचालन प्रभावशीलता पर रिपोर्ट करने की आवश्यकता नहीं है।
- एक वर्ष में केवल दो बोर्ड बैठकें आयोजित करना है और दोनों बैठक 90 दिन के अंतराल पर होनी चाहिए।
- कंपनी के वार्षिक रिटर्न (Annual Return of the company) पर कंपनी सचिव (company secretary) द्वारा हस्ताक्षर किए जा सकते हैं, या जहां कोई कंपनी सचिव नहीं है, कंपनी के निदेशक द्वारा हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
- छोटी कंपनियों के लिए कम दंड (Lesser penalties for small companies)