इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी के बीच एम.ओ.यू. को मिली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आई.सी.ए.आई.) भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम द चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट, 1949 के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है और भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी व्यवसाय को नियंत्रित करता है। 2005 की कानून संख्या (7) के क्रम में स्थापित कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यू.एफ.सी.ए.) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जो कतर में विश्व स्तरीय वित्तीय और व्यावसायिक केन्द्र के रूप में क्यू.एफ.सी. के विकास और प्रोत्साहन के लिए बनी संस्था है |

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) को स्वीकृति दे दी है।

इस एमओयू से कतर में चार्टेड अकाउंटेंट व्यवसाय और उद्यमशीलता आधार को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ेगा।

इस एम.ओ.यू. क्या प्रभाव होंगे?

आई.सी.ए.आई. का मध्य पूर्व में 6,000 से ज्यादा सदस्यों के साथ एक मजबूत सदस्यता आधार है और कतर (दोहा) स्थित इकाई आई.सी.ए.आई. की सबसे सक्रिय इकाई में शामिल है। आई.सी.ए.आई. के सदस्य कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं हैं तथा वे वहां पर चार्टेड अकाउंटेंट व्यवसाय को समर्थन देने और विकास से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।

इस एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर से पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में आई.सी.ए.आई. सदस्यों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा और  पहचान मिलेगी, साथ ही वे मिलकर कतर में भारतीय कारोबारियों की कारोबार करने की आकांक्षाओं को समर्थन दे सकेंगे। इस प्रकार, इसके माध्यम से कतर और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के विकास को सहयोग मिलेगा।

इस एम.ओ.यू. के संभावित लाभ

आई.सी.ए.आई. की एक सक्रिय इकाई दोहा (कतर) में है जिसकी स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी और यह आई.सी.ए.आई. की 36 विदेशी इकाई में सबसे पुरानी इकाइयों में से एक है। स्थापना के बाद से ही इस इकाई की सदस्यता लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में इसके 300 से ज्यादा सदस्य हैं, जो कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में अहम पदों पर हैं। साथ ही कतर में चार्टेड अकाउंटेंट व्यवसाय को समर्थनऔर विस्तार देने के लिए काम कर रहे हैं। इस एम.ओ.यू. से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी को लाभ होगा।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य 

  1. यह एम.ओ.यू. एश्योरेंस और ऑडिटिंग, परामर्श, कराधान, वित्तीय सेवाएं और संबद्ध क्षेत्रों में कतर में व्यावसायिक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रक्रियाएं तय करके आईसीएआई के सदस्यों के लिए अवसरों को बढाने का प्रयास है।
  2. आई.सी.ए.आई., क्यू.एफ.सी.ए. के साथ मिलकर कतर में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय पेशेवर, उद्यमी और विद्यार्थियों को शिक्षित एवं तैयार भी करेगा।
  3. आई.सी.ए.आई. और क्यू.एफ.सी.ए. परस्पर सहमति के आधार पर राउंडटेबल, नेटवर्किंग कार्यक्रमों आदि के आयोजन के द्वारा कतर में भारतीय कारोबारियों के लिए अवसर तलाशने के लिए मिलकर काम करेंगे।
  4. आई.सी.ए.आई और क्यू.एफ.सी.ए. कंपनी प्रशासन, तकनीकी शोध एवं परामर्श, गुणवत्ता आश्वासन, फॉरेंसिंक लेखांकन, लघु और मझोले आकार की प्रक्रियाओं (एसएमपी) के मुद्दों, इस्लामिक वित्त, निरंतर पेशेवर विकास (सीपीडी) और परस्पर हित के अन्य विषयों जैसे क्षेत्रों में पैदा होने वाले अवसरों पर सहयोग करेंगे।

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