गेंहूं, सरसों, सूरजमुखी और चना में जाने तेजी मंदी रिपोर्ट

गेंहूं के स्टाक पर लिमिट लागू

केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को काबू करने के लिए गेहूं के स्टॉक पर लिमिट लगाई। केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को जारी सूचना के अनुसार यह स्टॉक लिमिट 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी।

रोलर फ्लोर मिलर्स सालाना क्षमता का 75 फीसदी या मासिक क्षमता के अनुसार बाकी बचे हुए महीनों के हिसाब से गेहूं का स्टॉक रख सकेगें।

जिन कंपनियों, मिलों एवं व्यापारियों आदि पर स्टॉक तय लिमिट से ज्यादा है उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे तय सीमा में लाना होगा। चालू सीजन में 8 जून तक गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद केवल 261.99 लाख टन की ही हो पाई है। जबकि केंद्र सरकार ने गेहूं की खरीद का लक्ष्य 341.50 लाख टन का तय कर रखा है लेकिन उत्पादक मंडियों में गेहूं के दाम एमएसपी से ज्यादा होने के कारण सरकारी खरीद तय लक्ष्य से कम हुई है।

केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2023-24 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि रबी विपणन सीजन 2022-23 में एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था।

सरसों में हल्की तेजी

तेल मिलों की खरीद कमजोर होने से घरेलू बाजार में सोमवार को सरसों की कीमतें नरम हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये नरम होकर दाम 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 7.50 लाख बोरियों की हुई। बीते सप्ताह के अंत में स्टॉकिस्टों ने सरसों के दाम तेज किए थे,लेकिन बढ़े भाव में तेल मिलों की मांग नहीं बढ़ पाई, जिस कारण हाजिर बाजार में सरसों के दाम नरम हुए। शिकागो में भी सोया तेल की कीमतों में नरमी आई।

उत्पादन अनुमान ज्यादा होने के कारण घरेलू बाजार में सरसों का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में ज्यादा है, जबकि सरसों तेल एवं सरसों खल में मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है। इसलिए सरसों की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 75 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की।

मई के अंत में मलेशिया में पाम तेल का भंडार चार महीनों में पहली बार बढ़ा,जोकि अप्रैल की तुलना में 12.63 फीसदी बढ़कर 1.69 मिलियन टन हो गया। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को लगातार तीन दिनों की तेजी के बाद 10-10 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश 948 रुपये और 938 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल के दाम पांच रुपये तेज होकर 2585 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

सूरजमुखी तेल में सुधार

खाद्य तेलों में सोमवार को मिला जुला रुख देखने को मिला। विदेशी तेलों में ज्यादा घट बढ़ नहीं रही और घरेलू बाजार में भी ज्यादा हलचल नहीं हुई। सोया पाम तेल लगभग स्थिर रहे। महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट में सोया तेल 910 रुपये प्रति दस किलो पर कायम रहा और पाम तेल 10 रुपये प्रति दस किलो तक कमजोर हुआ। जून में अब तक सोया पाम तेल पिछले महीने की तुलना में 33 प्रतिशत तक बढ़ गया है। घरेलू बाजार में पहले से ही स्टाक मजबूत है इसलिए इन दोनों तेलों में ज्यादा तेजी मंदी नहीं लगती। सरसों तेल जयपुर एक्स्पैलर भाव 10 रुपये प्रति दस किलो टूटा है।

विदेशी तेलों में गिरावट के अनुमान से सरसों तेल स्थिर हो सकता है या मामूली गिरावट बढ़ सकती है। बिनौला तेल की आपूर्ति घटने की धारणा है जिससे भाव में सुधार हो सकता है। हालांकि इस तेल में बड़ी तेजी नहीं लगती लेकिन मंदा नहीं है। गुजरात के कड़ी में इसका भाव 845-50 रुपये तक है। इसमें गिरावट की उम्मीद कम और 2-3 रुपये प्रति किलो सुधार की संभावना ज्यादा है।

चना में अधिक तेजी नहीं

चना दाल एवं बेसन में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। चना की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। इसलिए दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही चना की खरीद कर रही है। चना का स्टॉक नेफेड के पास ज्यादा है। इसलिए स्टॉकिस्ट चना में जोखिम नहीं ले रहे हैं। उत्पादक मंडियों में चना की कीमतें एमएसपी से काफी नीचे आ चुकी हैं। इसलिए हल्का सुधार बन सकता है। दिल्ली में राजस्थान के चना के भाव 50 रुपये घटकर 5,025 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 5,025 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

मूंग मसूर में हल्की तेजी मंदी

दिल्ली में देसी मसूर की कीमतों में गिरावट आई है। आयातित मसूर का बकाया स्टॉक ज्यादा है,साथ ही आयातित मसूर की क्वालिटी हल्की है। इसलिए कीमतों में नरमी तो आई है,लेकिन बड़ी गिरावट के आसार कम है। कनाडा एवं ऑस्ट्रेलियाई से आयातित मसूर लगातार आ रही है। दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर रहेगी। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में मसूर की आवक कम हो जायेगी।

मूंग की कीमतें दिल्ली के साथ ही उत्पादक मंडियों में स्थिर हो गई हैं। नई मूंग की आवक उत्पादक मंडियों में लगातार बढ़ रही है। समर सीजन में इसका उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। नई फसल की आवकों को देखते हुए दाल मिलें केवल सीमित मात्रा में ही मूंग की खरीद कर रही है। मूंग दाल की ग्राहकी भी कमजोर है। ऐसे में मूंग की कीमतों में आगामी दिनों में मंदा ही आने का अनुमान है।

मसूर के दाम दिल्ली में 25 रुपये घटकर 5875 से 5900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर के भाव 25 रुपये घटकर 5,700 से 7,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 5,900 से 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई।

राजस्थान लाईन की मूंग की कीमतें दिल्ली में 7,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। जयपुर में मूंग के बिल्टी भाव 6800 से 7800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।