मधुमक्खी कीट वर्ग का प्राणी है। यह प्रकृति में विकसित एक महत्वपूर्ण कीट हैं जो कि पेड़-पौधों के परागण (Pollination) क्रिया में अहम भूमिका निभाती हैं। दुनिया भर में 80 प्रतिशत से भी ज्यादा अनाज, फल और खाद्यान्न का उत्पादन इन मधुमक्खी जैसे परागणकर्ता कीटों पर ही निर्भर है। मधुमक्खियां पेड़ पौधों के पराग कणों को एक पौधे से दूसरे पौधे तक पहुंचाने में मदद करती हैं जिसकी मदद से पौधों में निषेचन की प्रक्रिया से अनाज, फल और सब्जियों की उत्पत्ति होती है। मधुमक्खी से मधु (honey) प्राप्त होता है जो अत्यन्त पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर हैं। यह संघ बनाकर रहती हैं। प्रत्येक संघ में एक रानी, कई सौ नर और शेष श्रमिक होते हैं। मधुमक्खियाँ छत्ते बनाकर रहती हैं। इनका यह घोसला (छत्ता) मोम से बनता है।
कीटनाशक दवाईयों पर रोक
पेड़-पौधों पर कीटनाशकों का छिड़काव, बढ़ता प्रदूषण, औद्योगिकरण (industrialization) इत्यादि के दुष्प्रभावों के कारण दुनिया भर में मधुमक्खियों की संख्या में भारी कमी आ रही है और यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में जीवन को लेकर हमें बड़े खतरों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हमें कीटनाशक दवाईयों (pesticides) पर रोक लगनी जरुरी है।
जैव विविधता का संरक्षण
हमारा जीवन परागणकों पर निर्भर हैं इसलिए उसकी ओर अधिक ध्यान देना और जैव विविधता (biodiversity) के नुकसान को रोकना आवश्यक है, मधुमक्खियां जैव विविधता के संरक्षण, प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन और प्रदूषण को कम करने में बेहद उपयोगी भूमिका निभाती हैं।
विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई
पर्यावरण प्रणाली में मधुमक्खियों के महत्व और उनके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है। पहला विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई 2018 को मनाया गया था। इस खास दिन 20 मई को आधुनिक मधुमक्खी पालन की तकनीक का जनक कहे जाने वाले एंटोन जान्सा के जन्म दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। विश्व मधुमक्खी दिवस का उद्देश्य पारिस्थितिक तंत्र के लिए मधुमक्खियों के महत्व को समझाना और उनके संरक्षण (protection) के प्रति लोगों में जागरूकता लाना है। दुनिया भर की लगभग 90 प्रतिशत जंगली फूल पौधों की प्रजातियां, 75 प्रतिशत से अधिक खाद्य फसलें और 35 प्रतिशत वैश्विक कृषि भूमि परागण पर निर्भर करती हैं। विश्व मधुमक्खी दिवस न सिर्फ मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए ही बल्कि परागण करने वाले अन्य कीटों जैसे चिड़ियों चमगादड़ और तितलियों के भी महत्व का है। इस दिवस की थीम ‘मधुमक्खियों को बचाओ पर रखी गई है।