बायोगैस क्या है
बायोगैस ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग बार-बार किया जा सकता है। इस गैस का प्रयोग घरो में खाना बनाने, कृषि कार्यों में तथा बिजली उत्पादन (production) में किया जाता है।
बायोगैस प्लांट के लिए गोबर की आवश्यकता
हरियाणा के हर जिले में सामुदायिक बायोगैस प्लांट(community Biogas Plant) स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए लोगों को पशुओं का गोबर और गीला कचरा उपलब्ध कराना होगा।
सामुदायिक बायोगैस प्लांट बनाना
करनाल के घरौंडा में पहला सामुदायिक बायोगैस प्लांट बनाया जा रहा है, जिसकी अगले तीन महीने में बनकर तैयार होने की उम्मीद है। बायोगैस प्लांट के लिए गांव से ही गोबर और गीला कचरा इकट्ठा (gathered) किया जाएगा। जिससे प्लांट में गैस का उत्पादन होगा। करनाल के असंध ब्लाक के हसनपुर(hasanpur) गांव में पहला बायोगैस प्लांट बनाया जा रहा है। इस पर करीब 92 लाख रुपये की लागत आएगी।
गोबर उपलब्ध कराने पर प्रशासन देगी राशि
गोबर उपलब्ध कराने वाले किसान और पशुपालकों को सरकार की ओर से राशि दी जाएगी। जबकि गोबर उपलब्ध न कराने और गैस का प्रयोग करने वाले लोगो से सरकार निर्धारित राशि लेगी। इससे बेसहारा (homeless) पशुओं पर लगाम लगेगी। कई जिलों में बायोगैस प्लांट बनाए जा सकते है।
दुर्गंध और बर्तन काले होने पर रोक
अभी तक बायो गैस प्लांट से खाना पकाने के दौरान बर्तन काले होने और दुर्गंध आने की शिकायत आती थी। लेकिन अब हसनपुर में बनाए जा रहे सामुदायिक बायोगैस प्लांट में एक ऐसा फिल्टर (filter) लगाया जा रहा है जिससे न तो बर्तन काले होंगे और न कोई गैस से दुर्गंध आएगी। गोबर और गीले कचरे की मात्रा बढ़ने पर पूरे गांव को गैस सप्लाई दी जाएगी। बायोगैस प्लांट में 400 क्यूबिक फिट गैस का उत्पादन किया जाएगा। जिससे एक समय में सौ घरों में चूल्हा जलाया जा सकता है।
तीन महीने में तैयार होगा प्लांट
सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में छह महीने में सामुदायिक बायोगैस प्लांट बनाने का निर्णय लिया है। करनाल के घरौंडा में स्थित हसनपुर गांव में सामुदायिक बायोगैस प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जो कि अगले तीन महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।
बायोगैस का महत्व क्या है?
बायोगैस के उत्पादन तथा प्रयोग में किसी प्रकार का कोई भी प्रदूषण नहीं होता है।
बायोगैस के उत्पादन के लिए जिन कच्चे पदार्थों का प्रयोग किया जाता है, वह पदार्थ गांव में आसानी से प्राप्त हो जाते हैं।
बायोगैस के उत्पादन से ऊर्जा का स्रोत प्राप्त होता है। इसके उत्पादन से पेड़ों की कटाई में कमी आती है और पर्यावरण स्वस्थ बना रहता है।
बायोगैस में गोबर और कूड़े कचरे का इस्तेमाल होने से जगह-जगह पर कूड़ा कचरा नहीं फैला रहता है और हमारा पर्यावरण साफ व स्वच्छ दिखाई देता हैं।