गेंहूं, सरसों, मूंगफली, अरहर में जाने तेजी मंदी रिपोर्ट

दलहन पर लगाम की उम्मीद

स्टॉक लिमिट का सख्ती से पालन के लिए केंद्र सरकार अरहर एवं उड़द के बारे में चर्चा करेगी। बर्मा में लेमन अरहर एवं उड़द की कीमतों में मंगलवार को गिरावट आई है इस दौरान चना एवं मसूर के दाम लगभग स्थिर बने रहे, जबकि मूंग के दाम तेज हुए।

केंद्र सरकार चने की दाल को ज्यादा से ज्यादा लोगों के खाने में शामिल करना चाहती है इसलिए इसके प्रचार प्रसार पर सरकार का फोकस है। दालों की कीमतों को काबू करने के लिए केंद्र सरकार सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। चुनाव वर्ष में सरकार किसी भी खाद्य पदार्थों में तेजी बर्दाश्त नहीं कर सकती। व्यापार और उद्योग की जो दुर्गति हो रही है उस की तरफ किसी का ध्यान नहीं है । एक दिन पहले ही सरकार ने गेहूं पर स्टाक लिमिट लागू किया है। अरहर उड़द पर भी स्टाक लिमिट लागू है। सरकार अब हर तरह से आम लोगों को फोकस कर रही है लेकिन व्यापार किसान को अनदेखा किया जा रहा है।

स्टाक लिमिट से गेहूं मंदी

केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को गेंहू पर स्टाक लिमिट लागू करने से मंगलवार को देशभर की मंडियों में गेंहू के दाम 40 रुपये से लेकर 100 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए। सरकार को अपने लक्ष्य के मुताबिक गेंहू नहीं मिला। इसलिए कीमतों में वृद्धि होती जा रही थी। दिल्ली लौरेंस रोड़ भाव 2500 से ऊपर पहुंच गया था। आज यहां भाव 2360 रुपये रह गया मध्यप्रदेश के प्लांटों में गेहूं खरीद भाव 150 रुपये प्रति क्विंटल तक टूटा है।

हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश में क्वालिटी गेंहू के दाम 40-70 रुपये कम हुआ है। सरकार गेंहू व आटा में महंगाई रोकने के लिए 15 लाख टन गेहूं खुले बाजार में उतारने की तैयारी कर रही है। इससे बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है। बाजार में स्टाक पर्याप्त नहीं है। निजी एजेंसियों के पास ऊंचे भाव की खरीद का माल है जो घटे भाव पर बिकवाली नहीं करेगा। लगभग एक महीने बाद बाजार फिर से गर्म हो सकता है।

सरसों में हल्की तेजी

तेल मिलों की सीमित खरीद बनी रहने से घरेलू बाजार में मंगलवार को सरसों की कीमतें स्थिर हो गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5,200 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर टिके रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 7.25 लाख बोरियों की ही हुई।

सरसों तेल में मांग कमजोर बनी रहने के कारण हाजिर बाजार में सरसों के दाम लगभग स्थिर हो गए, हालांकि ब्रांडेड तेल मिलों ने शाम के सत्र में खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की। जानकारों के अनुसार सरसों की कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन अभी बड़ी तेजी के आसार कम है। वैसे भी घरेलू बाजार में सरसों का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में ज्यादा है, जबकि सरसों तेल एवं सरसों खल में मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है।

कच्चे तेल के दाम बढ़ने के साथ ही शिकागो में सोया तेल तेज होने से मलेशियाई पाम तेल वायदा मंगलवार को 2 फीसदी से अधिक की तेजी के साथ बंद हुआ

जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 3- 3 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश – 945 रुपये और 935 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल के दाम 10 रुपये कमजोर होकर 2575 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक मंगलवार को घटकर 7.25 लाख बोरियों की ही हुई।

मूंगफली और तेल में मंदा नहीं

मूंगफली के व्यापार में इस साल 11 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है और निर्यात में 30 प्रतिशत तक बढ़ गया है। अभी भी बड़े किसान और ऊंचे भाव के इंतजार में स्टाक होल्ड कर रहे हैं। अन्य जानकर कहते है कि समर में मूंगफली बिजाई 10 प्रतिशत तक घट रही है। खरीफ में कहीं कहीं बढ़ रही है लेकिन औसत घटी है। बीकानेर की खास मूंगफली की मांग रहती है कुल मिलाकर मूंगफली और तेल में गिरावट की संभावना नहीं है लेकिन बड़ी तेजी नहीं लगती ।

अरहर में अधिक मंदा नहीं

चेन्नई में लेमन अरहर के साथ ही उड़द एसक्यू एवं एफएक्यू की कीमतों में गिरावट आई। बर्मा में लेमन अरहर की कीमतों में बड़ी गिरावट आई लेकिन घरेलू बाजार लेमन के साथ देसी अरहर की कीमतों में इसके अनुपात में मंदा नहीं आया। इस दौरान अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के दाम लगभग स्थिर बने रहे। बर्मा से लेमन अरहर के आयात सौदे भी कम किए जा रहे हैं। घरेलू मंडियों में भी देसी अरहर में आवक पहले की तुलना में काफी कम हो गई हैं। ऐसे में घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में अभी बड़ी गिरावट के आसार तो कम है। लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार लगातार कीमतों की समीक्षा कर रही है, उसे देखते हुए बढ़े दाम पर स्टॉक हल्का करना चाहिए। दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से खरीद कर रही है।

मुंबई में लेमन अरहर के दाम 100 रुपये कमजोर होकर दाम 9,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मोजाम्बिक की सफेद अरहर के भाव 8750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। सूडान से आयातित अरहर के दाम 10,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।