सरसों, सोया पाम तेल, दलहन तिलहन और चना में जाने तेजी मंदी रिपोर्ट

सरसों में सुधार

विश्व बाजार में खाद्य तेलों के दाम लगातार दूसरे दिन तेज़ होने से सरसो की कीमतों में सुधार आया। जयपुर में कंडीशन की सरसो के भाव 50 रुपये तेज होकर दाम 5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक 6.25 लाख बोरियों के पूर्व स्तर पर बनी रही। अल नीनो से उत्पादन होने की आशंका के साथ ही नीचे के दाम पर मांग होने से विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई। अमेरिका में सोयाबीन उत्पादक सूखे का सामना कर रहे है। इसलिए सरसों की कीमतों मे सुधार आया है। छोटी तेल मिलें उत्पादन बंद कर चुकी है। स्टाकिस्टों के पास स्टाक ज्यादा है इसलिए मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बनी रहेगी। सरसों में तेजी मंदी आयतित खाद्य तेलों की कीमतों पर निर्भर करेगी। पाम तेल वायदा लगभग 3-4 फीसदी तेज हुआ। अल नीनो के प्रभाव की चिंता के कारण पाम तेल वायदा शुक्रवार को लगातार दूसरे सत्र पर तेज होकर बंद हुआ। जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शुक्रवार को 19-19 रुपये तेज़ होकर भाव क्रमश 953 रुपये और 943 रुपये प्रति 10 किलो हो गई। इस दौरान सरसों खल के दाम पाँच रुपये तेज होकर 2555 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

सोया पाम तेल में सुधार

सोया पाम तेल में तेजी आने से घरेलू बाजार में मजबूती आई । महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट में सोयाबीन का भाव लगभग 100 प्रति क्विंटल तक बढ़ गया और सोया तेल 10 रुपये प्रति दस किलो तेज होकर 905 रुपये हो गया। पाम तेल मे भी 10 रुपये प्रति दस किलो तक बढ़ कर 880 रुपये के स्तर पर आ गया। मलेशिया और इंडोनेशिया में उत्पादन बढ़ा। सीपीओ सोया तेल मे गिरावट हुई। लेकिन प्लांटो और में तेजी दर्ज हुई। सोया और पाम तेल की बिक्री कांडला बंदरगाह पर गुरुवार को बंद कर दी गई। जिससे घरेलू बाजार में तेजी का माहौल बना। सोयाबीन और सरसों का बड़ा स्टाक मौजूद है जो खाद्य तेलो में तेजी नही आने देगा। अर्जेटीना में उत्पादन काफी कम है लेकिन ब्राजील से सोयाबीन उत्पादन काफी अधिक है। अमेरिका सोयाबीन फसल के लिए मौसम सहायक है। ऐसे में बड़ी तेजी नही लगती। गिरावट मे ही खरीदी जा सकती है। बड़े भाव पर थोडा मुनाफा ही उठा लेना चाहिए। इसलिए छोटे छोटे मुनाफे लेते रहने में ही भलाई है।

दलहन तिलहन, धान का रक्बा घटा

चालू सीजन मे दलहन तिलहन के साथ ही धान की रोपाई पिछडी। कपास और मोटे अनाज की बुआई बढ़ी । कृषि मंत्रालय के अनुसार 2 जून तक चालू खरीफ सीजन में फसलों की कुल बुआई बढ़कर 71.19 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू सीजन में घटकर 2.17 लाख हेक्टेयर में हो पाई है। जो कि पिछले साल से इस समय तक कुछ कम है। दलहनी फसलों की बुआई अब तक 0.87 लाख हेक्टेयर मे ही हो पाई है। जो कि पिछले साल से 0.91 लाख हैक्टेयर मे हो चुकी थी। अरहर की बुआई 13 हजार हैक्टेयर में, उड़द की 18 हजार, मूंग की 20 हजार अन्य फसलो की 34 हजार हेक्टेयर में हुई है।

तिलहनी फसलो की बुआई 53 हजार हेक्टेयर में हुई है। जो कि पिछले साल 56 हजार हेक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनी फसलों में मूँगफली की बुवाई 7 हजार हैक्टेयर में, सोयाबीन 16 हजार हेक्टेयर में, सनफ्लावर 18 हजार हैक्टेयर में हुई है, शीशम 8 हजार हेक्टेयर में हुई है।

मोटे अनाजों की बुआई बढ़कर 1.54 लाख हैक्टेयर मे हो चुकी है। ज्वार 13 हजार हैक्टेयर में, बाजरा 13 हजार हैक्टेयर में, मक्का 1.24 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।

कपास की बुआई इस सीजन मे बढ़कर 13.43 लाख हैक्टेयर मे हो चुकी है जो कि पिछले साल अब तक 10.78 लाख हैक्टयर में ही हुई थी।

चना में सावधानी जरूरी

चना की कीमतें लगातार तीसरे दिन 25 रुपये तेज हुई हैं जानकारों के अनुसार चना दाल एवं बेसन मे ग्राहकी कमजोर है इसलिए दाल मिलें जरूरत के हिसाब से ही चना की खरीद कर रही है। उत्पादक मंडियों में चना की कीमतें एम.एस.पी काफी नीचे है सुधार तो बन सकता है लेकिन बड़ी तेजी के आसार कम है। दिल्ली मे राजस्थान चना के भाव 25 रुपये तेज़ होकर 5000 से 5,125 रुपये प्रति क्विंटल हो गए है।

मसूर में तेजी, मूंग मंदा

दिल्ली में मसूर के भाव स्थिर हो गए। कनाडा से आयात के भाव मे सुधार आया है। कोलकता में आस्ट्रेलियाई मसूर का बकाया ज्यादा है जो कि हल्की क्वालिटी का है। उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश की मंडियों में मसूर की आवक कुछ दिनों में कम हो जाएगी। इसलिए हल्की तेजी रह सकती हैं लेकिन बड़ी तेजी के आसार नही।
मूंग की कीमते दिल्ली में 25 रुपये कमजोर हुई। मंडियों में भाव स्थिर बने रहे। उत्पादक राज्यों में मौसम अभी भी खराब है। इसलिए मूंग की आवक प्रभावित हुई है। मौसम साफ होने पर नई मूंग की आवक मंडियों में बढ़ेगी। मूंग दाल की ग्राहकी भी सामान्य की तुलना में कमजोर है इसलिए अभी व्यापार करना नही चाहिए।

मसुर के दाम दिल्ली में 5,975 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। कनाडा की मसूर की कीमते कन्टेनर में 5,950 से 5,975 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गई। राज्यस्थान लाइन की मूंग की कीमतें दिल्ली में 25 रुपये कमजोर होकर भाव 7,675 से 7700 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।