महासमुंद के एक किसान ने 1485 किलो बैगन बेचने के लिए थोक सब्जी मंडी रायपुर भेजा।
बैंगन बिक्री करके उसके बने 2475 रुपए ।
सब्जी व्यापारी ने 2200 रु. भाड़ा, 198 रु. हमाली और 198 रु. कमीशन, कुल 2596 रु.खर्च काटकर किसान को 121 रुपए का बिल थमा दिया और किसान को जेब से भरने को कहा।
मौसम की मार से किसान परेशान
व्यापारियों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बाजार में मांग से ज्यादा सब्जियों की आपूर्ति होने से रेट नहीं मिल रहे ऊपर से मौसम की मार ने किसानों की हालत पस्त कर दी है। दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर से लेकर बस्तर तक के सब्जी उत्पादक अपनी उपज की लागत तक नहीं निकल पाने से बेहद परेशान है।
दुर्ग जिले में भी कई किसानों ने अपने खेतों में ही टमाटर की फसल छोड़ दी है क्योंकि भाव गिर जाने से फसल को निकाल कर बेचने से लागत भी नहीं निकल पा रही है।
व्यापारी का व्यवसायिक नेटवर्क का गलत फ़ायदा
किसानों से बात करने पर उन्होंने कहा की देश में कहीं भी लोगों को सस्ती सब्जियां नहीं मिल रही हैं व्यापारी अपने व्यवसायिक नेटवर्क का गलत रूप से फ़ायदा उठा कर ना सिर्फ कई गुना मुनाफा कमा रहे हैं अपितु जहाँ ये सब्जियां भेज रहे हैं वहाँ के किसानों को भी उजाड़ने का काम कर रहे हैं।
मांग भरपूर आपूर्ति कम
उन्होंने आगे बताया कि पहली बार सब्जियों के दामों में एक नई चीज देखने मिली। वह यह कि मांग भरपूर होने तथा आपूर्ति कम होने के बावजूद सब्जियों के दाम पिछले डेढ़ महीने से घटते ही जा रहे हैं। हालात ये है कि किसानों की सब्जी बेचने के बाद माइनस बिल मिल रहा है। किसानों के लिए राहत के उपाय नहीं किये गये तो उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। सरकार को बीच में आकर सब्जियों का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रयास करने चाहियें।