गर्मी से बचाए जान राबड़ी का करें पान  

राजस्थान और हरियाणा की शान

लेखक ऋषि कंडवाल

 जब राबड़ी की बात चली है तो आज इसको बनाने की विधि भी आप सबको लिखकर बता रहे हैं। यह वो रेसिपि है जिसे हमारे यहां गांव में हर घर में जो दादी और माँ बनाती आ रही है।

सामग्री

मोठ 250 ग्राम

बाजरी देशी 250 ग्राम

यदि आप इसको ज्यादा गुणकारी बनाना चाहते हैं तो आप इसमें

राई 50 ग्राम

हरड़ छोटी 50 ग्राम लेकर और इन सबको बारीक़ कूट पीसकर महीन बना लें

निर्माण विधि

एक लीटर छाछ को मिटी कुल्हड़ में डालकर लगभग 100 से 150 ग्राम के बीच में ये मिश्रण डालकर अच्छी तरह मिला लें व् थोड़ा सा सैन्धा नमक मिला लें ।

अब इसको दोपहर 12 बजे के बाद दोपहर को धूप में रख दें।

धूप में उबलकर गैंस रहित हो जायेगी और सूर्य तापी गुण से लबालब होकर शाम को बिलकुल शांत हो जायेगी ।

एक लीटर छाछ को मिटी कुल्हड़ में डालकर लगभग 100 से 150 ग्राम के बीच में ये मिश्रण डालकर अच्छी तरह मिला लें व् थोड़ा सा सैन्धा नमक मिला लें ।

अब इसको दोपहर 12 बजे के बाद दोपहर को धूप में रख दें।

धूप में उबलकर गैंस रहित हो जायेगी और सूर्य तापी गुण से लबालब होकर शाम को बिलकुल शांत हो जायेगी ।

सेवन विधिः – थोडा सा जीरा लेकर उसको महीन पीस लें 

अब राबड़ी में ये पिसा हुवा जीरा व प्याज को बारीक़ काटकर इसको डालकर इसको उथल पुथल करके पियें।

मात्रा-एक गिलास से अपनी इच्छाअनुसार पियें।

नोटः वर्षा ऋतू में इसका प्रयोग निषेध: है ।

मित्रो –इस राबड़ी के आगे सभी पेय पदार्थ फेल है।

क्या करेंगे पेप्सी कोक ये तो सभी जहर है और इसमें कार्बन डाईआक्साइड के आलावा भी कई घातक रसायनिक जहर मिलते हैं। भाई राजीव दीक्षित जी ने बताया है और आज इसी पेप्सी कोक के कारण पता नहीं कितने लोगों की आंत और किडनी खराब हो रहे हैं और इसी पेप्सी बनाने में पानी की बर्बादी हो रही है और हमारा पैसा भी विदेशों में जा रहा है, जबकि अपनी राबड़ी घर से बना हुवा अमृत है इसके गुणों का बखान हम कर ही नही सकते हमारे बुजुर्गों का ये ज्ञान है इसलिए साथियो अपनी स्वदेसी घर की बनाई राबड़ी पीजिए और घर पर आए हुए मेहमानों का भी पिलाएं।

लाभः गर्मी से राहत मिलती है ,उदर को शांत रखती है व् गर्मी में जो नाभि डिगना की बीमारी है उसको खत्म करती है ,पाचन शक्ति को मजबूत बनाती है और इसको पीने के बाद इसका स्वाद आप जिंदगी भर भूल नही पाएंगे।