जैविक किसान सरदार जितेंद्र सिंह का परिचय

लेखक डॉ राजेंद्र सिंह, हरियाणा विज्ञान मंच

सरदार जितेंद्र सिंह गांव मामू माजरा खंड शाहबाद जिला कुरुक्षेत्र का रहने वाला है सरदार जितेंद्र सिंह तीन भाई हैं इनके पास  6 एकड़ भूमि है।

सरदार जितेंद्र सिंह की आयु 37 वर्ष है वह 2020  से पहले प्राइवेट बीमा कंपनी में बहुत अच्छी ₹40000 प्रति महीना की नौकरी करता था उन्होंने तीन कारणों से नौकरी छोड़ दी।

वे कारण हमारे किसान परिवारों के युवा बच्चों के लिए  चिंतन का विषय है जो विदेश को अपना भविष्य मानते हैं तथा यहां से निराश हैं।

सरदार जितेंद्र सिंह का नौकरी छोड़ने के कारण

सरदार जितेंद्र सिंह ने अपने कर्तव्य में आम लोगों को सही जानकारी देने के सिद्धांत का पालन करते हुए नौकरी को छोड़ दी।

दूसरा कारण कैसे कार्य करना जिससे  मानसिक संतुष्टि मिले

तीसरा कारण खेती में आधुनिक खेती में गहरी दिलचस्पी  होना।

हल्दी, करेला, प्याज  की खेती  करना कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग नहीं

सरदार जितेंद्र सिंह अपने खेत में हल्दी, करेला, प्याज सब्जियों व परिवार के लिए सभी तरह की खेती करते हैं। उनमें कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग नहीं करते हैं। वे अपने उत्पाद हल्दी को प्रोसेस करके अपने शहर शाहबाद में ही बिक्री करते हैं। इनका व्यक्तित्व जैविक खेती करने वाले 90% किसानों से बिल्कुल अलग है। क्योंकि जैविक खेती करने वाले किसान अपने उत्पाद की अपनी मर्जी अनुसार सीमा से कहीं अधिक रेट लेते हैं।

अपनी फसल को सामान्य रेट पर बिक्री करना

लेकिन सरदार जितेंद्र सिंह अपने उत्पाद को अपनी मेहनत व खर्च को शामिल करके सामान्य रेट पर बिक्री करते हैं। वे अपने फार्म से हल्दी का बीज व अन्य फसलों के बीज अपने पड़ोसी किसानों को सामान्य रेट पर देते हैं।

हमारे समाज में अभी भी ग्रामीण क्षेत्र में  पैदा हुए उत्पाद को  शुद्ध माना जाता है। अपने घर पर देसी घी बनाने वाली कई ग्रामीण महिलाओं की बड़ी दूर दूर तक प्रसिद्धि होती है कि उनका देसी घी शुद्ध है दूर-दूर से उनका देसी घी  लेने आते हैं। प्राकृतिक खेती के माध्यम से हम  अपने प्रदेश के इस दुर्लभ परंपरागत चरित्र को बनाए रख सकते हैं।

प्राकृतिक खेती से किसान की आय में सुधार  

प्राकृतिक खेती से किसानों की खेती लागत घटने के साथ किसान की आय भी बढ़ेगी देश के नागरिकों को शुद्ध व सामान्य रेट पर उत्पाद मिलेंगे यह एक सामाजिक कार्य होने के साथ  हमारे समाज के मूल्यों में सुधार करेगा।