MSP पर फसल बेचने के लिए Registration करना हुआ अनिवार्य
हरियाणा में खरीफ की फसलों जैसे कि अरहर, उड़द, मूंग, मूंगफली और तिल आदि की खरीद 1 अक्टूबर से प्रदेश की 100 से ज्यादा मंडियों में शुरू की जाएगी। मूंग की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होगी। मूंगफली की सरकारी खरीद 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक होगी तथा 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक तिल, अरहर एवं उड़द की सरकारी खरीद होगी।
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हरियाणा के Agriculture & Farmer Welfare विभाग ने सूचना जारी की है कि – आखिरी मौका: फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने के लिए उसका पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। जो किसान किसी कारण से अपनी फसलों का पंजीकरण नहीं करवा पाए वह #meri-fasal-mera-byora पोर्टल पर 22-24 सितंबर 2022 के बीच पंजीकरण करवा सकते हैं।
Meri Fasal Mera Byora Registration Link: fasal.haryana.gov.in
जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसल का पंजीकरण नहीं करवाया है वो तुरंत अपनी फसल का पंजीकरण अवश्य करवा लें या कर लें। अन्यथा फसल का MSP नहीं मिलेगा।
MSP क्या है और क्यों जरूरी है?
MSP का अर्थ है- कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य है, जिसका मतलब है कि यह मूल्य तो किसान को मिलना ही चाहिए। अब यह मिलना कितना चाहिए। उसका सीधा जवाब है कि किसी भी फसल को लगाने में किसान का जितना पैसा व शारीरिक मेहनत खर्च होती है, उतना तो यार मिलना ही चाहिए। सवाल बनता है कि क्या किसान को यह मिलता है। जवाब है कि थोड़े से किसानों को मिलता है और वह भी काफी कम मिलता है। 1947 में आजाद होने के बाद भी 2021 में क्या सरकार अन्नदाता को उसकी मेहनत का पैसा देने लायक नहीं हुई है?
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स्वामीनाथन आयोग (Swaminathan Commission) के MSP को लेकर बनाए गए तीन फार्मूले
MSP तय करने के लिए सरकार को स्वामीनाथन आयोग (Swaminathan Commission) ने तीन फार्मूले बताएं हुए हैं-
A2 फार्मूला- इसके अनुसार किसान ने खेत जोतने, बीजने, बीज, तेल और मशीनों के किराये आदि में जो खर्च किया है, उसको आधार बनाकर रेट तय किया जाता है।
A2 + FL फैमिली लेबर – दूसरा फार्मूला -इसमें नकद खर्च के इलावा परिवार द्वारा की गई मेहनत भी जोड़ी गयी है।
तीसरा फार्मूला है- C2+50% Comprehensive Cost (व्यापक लागत)- इसमें फसल का भाव तय करने के लिए नकद किया खर्च, पारिवारिक मेहनत, जमीन का ठेका, किराया या जमीन की कीमत पर बनता ब्याज आदि मिलाकर तय किया जाता है।
स्वामीनाथन रिपोर्ट में C2+ 50% देने की सिफारिश है।
सरकार खरीदेगी 1.60 लाख मीट्रिक टन बाजरा
प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि खरीफ फसलों की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए सरकार 1.60 लाख मीट्रिक टन बाजरे की खरीद एमएसपी पर करेगी। बिजाई के रकबे को देखते हुए बाकी उपज के लिए किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ दिया जाएगा।