कल शाम को मैं अपने कारोबारी काम से गूगल ट्रेंड्स का अध्यन कर रहा था तो उसमें मुझे नीचे दस नम्बर पर राजीव करवल लिखा नज़र आया | मैं हैरान जरूर हुआ लेकिन चौंका नही क्यूंकि मैं जानता हूँ कि राजीव करवल कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं गूगल ट्रेंड्स में उनका नाम आना कोई बड़ी बात नही है |
लेकिन थोड़ी देर के बाद मैंने फेसबुक में एडवोकेट अनिल कौशिक जी की पोस्ट में देखा कि राजीव करवल नही रहे | अब मुझे गूगल ट्रेंडिंग में उनका नाम आने कारण समझ में आ गया था राजीव करवल जी जो करोना से पीड़ित थे और पिछले एक हफ्ते से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे और बुधवार को उन्होंने अन्तिम सांस ली |
राजीव करवल कॉर्पोरेट जगत की एक बड़ी शख्सियत थे और बड़े बड़े ब्रांड्स के साथ उनका नाम जुडा हुआ है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हनीबी नेटवर्क से भी उनका जुड़ाव था और इसी नाते मेरा राजीव से परिचय हुआ था |
हनी बी नेटवर्क के प्रणेता प्रोफेसर अनिल गुप्ता जी ने राजीव करवल जी को ग्रास्स्रूट्स इन्नोवेटर्स के आविष्कारों को बाजार में स्थापित करने के लिए प्रोफेशनल सपोर्ट और मेंटरशिप की जिम्मेदारी दी थी |राजीव ने उन्हीं दिनों (2004) कॉर्पोरेट जगत में नौकरी को अलविदा कह कर मिलाग्रो नामक कम्पनी की स्थपना की थी और मैं राजीव से मिलने के लिए कई बार उनके कार्यालय पर गया और काम को प्रोफेशनल तरीके से कैसे किया जाता है उसको नज़दीक से देखा और सीखा |
प्रोडक्ट और प्लेसमेंट क्या होता है उसको पहली बार मैंने राजीव से ही समझा, ग्रासरूट्स आविष्कारकों द्वारा बनाये गये प्रोडक्ट्स में क्या चैलेंजस हैं और उनको दूर करने के लिये हमें किस तरह से और कितना काम करना पड़ेगा | राजीव मीलाग्रो में मैनेजमेंट कंसल्टेंसी करना चाहते थे और वो अपनी टीम को उसी तरह से तैयार भी कर रहे थे |
उस जमाने में फेसबुक इतना पोपुलर नही था लेकिन ऑरकुट पर मैं राजीव से कनेक्ट था और लगातार देखता रहता था कि राजीव क्या नया काम कर रहे हैं | फिर थोड़े सालों के बाद मुझे पता चला कि राजीव रोबोटिक्स में हाथ आजमा रहे हैं और फ्लोर क्लीनर से लेकर ऑफिस सहायक का रोल निभाने वाले रोबोट्स राजीव लेकर आ रह हैं | मीलाग्रो ह्यूमन टेक के बैनर के तले राजीव ने भिन्न भीं तरह के उपयोगी रोबोट्स प्रस्तुत किये जैसे एजुकेशनल रोबोट्स, फर्श साफ़ करने वाले रोबोट्स , हेल्थ केयरवाले रोबोट्स, लॉन की देखभाल करने वाले रोबोट्स , स्विमिंग पूल साफ़ करने वाले रोबोट्स आदि आदि |
साल 2007 के बाद राजीव से मेरी मुलाकात तो न हो सकी लेकिन मैं हमेशा उनके नाम से आशावादी हो उठता था इसीलिए हमेशा कहीं न कहीं मुझे उनका नाम पढने और सुनने को मिल ही जाता था | मेरे छोटे भाई दीपक मिगलानी ने अपने लीगल कैरियर का शुरूआती दौर राजीव की कम्पनी में काम करके बिताया और दीपक ने राजीव की प्रेरणा से लीगल टिप ऑफ़ द डे इन्नोवेट किया जो हमेशा से एक सुपरहिट मूव रहा है और आज भी सुपर हिट है |
करोना काल में डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए भी राजीव मेडिकल रोबोट्स लेकर आये और क्लिनिक्स के अंदर किस तरह रोबोट्स की मदद से एक कीटाणु रहित माहौल बनाया जा सकता है इसपर अभूतपूर्व काम किया| राजीव ने अपना मैनेजमेंट का कैरियर आई.एम.टी. गाज़ियाबाद से एम बी ए की पढ़ाई करके शुरू किया था| उसके बाद कॉर्पोरेट सेक्टर में राजीव ने ओनिडा इंडिया , क्लार्जी आइसलैंड, एल जी इंडिया, एल्क्ट्रोलक्स और फिल्पिस जैसी कम्पनियों में बड़े पदों पर काम किया |
राजीव हमेशा से एक लीडर की भूमिका में रहे और अपने सदव्यवहार के लिए हमेशा जाने जायेंगे | राजीव करवल हमेशा याद आएंगे और उनके द्वारा दी गयी प्रोफेशनल सलाहें और सीखें जीवन में पहले भी बहुत काम आई हैं और आगे भी मुझे सही रास्ता खोजने और उस पर बने रहने में मदद करती रहेंगी |