जब से खोली है मैंने अपने खेत में दुकान, मिल रहा है धन , मान सम्मान और पहचान : सुनील सांगवान

 

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हरियाणा के चरखी दादरी जोझू टाउन के नज़दीक अपने खेतों में  रहने वाले कृषक भाई सुनील सांगवान जी आजकल एक नए प्रयोग में जुटे हैं।

अपने खेत के साथ लगती सड़क के किनारे पर एक रिटेल काउंटर स्थापित किया है जहां से वे अपने खेत में उगी ताज़ी जैविक सब्जियां रिटेल कर रहे हैं और रोजाना पंद्रह सौ से दो हज़ार रुपया कैश जेनरेट कर रहे हैं।

सुनील जी बताते हैं कि मैं यह सोच कर हैरान हूँ कि यह विचार मेरे मन मे पहले कभी क्यों नही आया हम क्यों मंडियों में घिसते पिटते रहे जबकि बाजार तो हमारे चारों और ही मौजूद है।

हमारे चारों ओर बड़ी संख्या में लोग रहते है जो तीन वक़्त भोजन करते हैं और हम जहर रहित भोजन उगाने के उद्योग में जुटे हैं तो हमारा उद्योग कैसे पीछे रह सकता है।

हमारे खेत के बगल से गुजर रही सड़क से दिन भर सैंकड़ों हज़ारों लोग गुजरते हैं जब से मैंने अपना यह रिटेल काउंटर बनाया है अब लोग रुकने लगे हैं बात चीत करते हैं जानकारी लेते हैं और अपने घर के लिए ताजी सब्जियां लेकर जाते हैं और बड़े खुश होते हैं कि हमें अब यकीन है कि हम अपने लोकल खेतों में उगी  ताजी जहर रहित और मौसमी सब्जियां खा रहे हैं।

हमारे खेतों में सिर्फ ताजा पानी प्रयोग किया जाता है किसी प्रकार का भी सीवरेज का पानी हमारे खेतों में नही आता है यह बात भी ग्राहकों को बेहद पसंद आ रही है। लोग खेत मे घूम कर अपने पसंद की सब्जी तोड़ लेते हैं और बड़े राजी होकर अपने घर जहर रहित सब्जियां लेकर जाते हैं।

मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है क्योंकि मैं पहले अकेला अपने खेतों में खटता रहता था और जनसंपर्क बिल्कुल शून्य सा था खेत से मंडी और मंडी से घर। अब दृश्य बदल गया है मैं खेत से निकल कर अपने रिटेल काउंटर पर पहुंच जाता हूँ जहां लोगों से मेरा सम्पर्क होता है।

 वो मुझे बड़ी इज़्ज़त देते हैं और मुझे भी लगता है कि मैं समाज मे सार्थक कॉन्ट्रिब्यूट कर रहा हूँ। मैं बतौर किसान अपने आप को समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा समझने लगा हूँ।

मैंने अपनी सब्जियों के कोई अलग से स्पेशल भाव नही रखे हैं वही बाजार रेट्स जो मुझे ग्राहक ही बता देते हैं और मैं अपनी और से उन्हें कुछ न कुछ अलग से ज्यादा देने का ही प्रयास करता हूँ। 25 ग्राहक में मेरे काउंटर से स्थायी रूप से जुड़ चुके हैं उनके लिए तो मुझे सब्जी रखनी ही रखनी पड़ती है।

जो सब्जी बच जाती है उसे मैं घर ले आता हूँ और पड़ोस के घरों में भी दे देता हूँ। मेरे उद्योग से सभी खुश हैं। अब मैंने अपने रिटेल काउंटर पर अजय नामक व्यक्ति को रोजगार दिया है जो पहले आधा समय खाली टाइम पास किया करता था और आधे समय छोटे मोटे काम की तलाश |  

इससे मेरी मदद भी हो गयी है और मुझे खुशी है कि मैंने एक रोजगार की भी व्यवस्था कर दी है। सुनील जी कहते हैं कि मुझे कृषि में कुछ सार्थक करने की प्रेरणा सोशल मीडिया से मिली है और मैं अपने घर में बैठ कर अलग अलग जगह पर जो किसान नित नये नये प्रयोग कर रहे हैं उनके बारे में जानकारी हासिल करता रहता हूँ  और उन्हें अपने खेत में प्रयोग करके देखता हूँ |

हरियाणा राज्य उद्यान विभाग के अधिकारियों को जब मेरे इस उपक्रम के बारे में पता चला तो वे मेरे खेत पर आये और मेरी हौंसला अफजाई की और उनके अभिप्रेरण से मैं बेहद उत्साहित हूँ | हर रोज दो हज़ार रुपये कैश आमदनी होने के साथ साथ मुझे जो पहचान और मानसम्मान मिल रहा है वो बेशकीमती है जिसकी मुझे सदा से चाह थी | उम्र के इस दौर में खेती करने का मजा आने लगा है | 

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जो किसान भाई सुनील सांगवान जी से बात करना चाहें तो वे मोबाइल नम्बर 9050229007 पर बात कर सकते हैं |

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